किसान आंदोलन पर आम आदमी पार्टी ने लगाया पंजाब के मुख्यमंत्री पर निशाना, केजरीवाल बोले भाजपा व अमरिंदर सिंह की मिलीभगत।

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किसान आंदोलन पर आम आदमी पार्टी ने लगाया पंजाब के मुख्यमंत्री पर निशाना, केजरीवाल बोले भाजपा व अमरिंदर सिंह की मिलीभगत।
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देश की राजधानी दिल्ली में लगातार 7 दिन से किसानों प्रदर्शन ने भयानक रूप लेना शुरू कर दिया है । किसानों ने कल हुई बैठक में सरकार की शर्तों को ठुकरा दिया जिसके बाद 3 दिसंबर को फिर बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में 35 किसान तथा तीन से चार अधिकारियों को जो कि सरकार द्वारा गठित किए गए थे उन्हें शामिल किया गया था। परंतु सरकार की किसी भी बात को किसान ने सुनने से मना कर दिया।

वहीं राजनीतिक सियासत में भी अफरा-तफरी मच रही है, अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा की बोली बोल रहे हैं। दोनों आपस में मिलीभगत करके किसानों को सुलझा रहे हैं तथा आम आदमी पार्टी पर कृषि कानून को पास करने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि किसी कानून को पास करने का हक राज्य सरकार के पास नहीं होता और प्रदर्शन कर रहे किसानों को यह अच्छे से मालूम है इसीलिए वह अरविंद केजरीवाल का नहीं बल्कि केंद्र की सरकार भाजपा का प्रदर्शन कर रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने प्रदर्शन स्थल को जेल बनाने का प्रस्ताव हमारे सामने रखा था पर हम ने इसे मना कर दिया जिसके बाद भाजपा व पंजाब के मुख्यमंत्री आपस में मिलकर आम आदमी पार्टी को फंसाने की कोशिश कर रही है। कानूनों को पास करने में भाजपा का समर्थन किया।

अमरिंदर ने कहा कि "केजरीवाल एक सच्चे आदमी है और किसानों के साथ मरते दम तक खड़े रहेंगे।"उनके इस बयान पर केजरीवाल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मोदी के कहने पर आज कैप्टन ने केजरीवाल पर झूठे आरोप लगाए। कैप्टन अमरिंदर सिंह खुले आम भाजपा का समर्थन कर रहे हैं तथा किसानों को बरगलाने की कोशिश।

साथ ही उन्होंने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि आज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल सरकार पर यह आरोप कैसे लगाए जबकि सोचने वाली बात है कि यह कानून पास करने का हक सिर्फ केंद्रीय सरकार का है, यह राज्य सरकार के अंदर नहीं आती।

आपको बता दें कि लगातार सात दिनों से किसान 3 कृषि कानून जो कि केंद्रीय सरकार द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं जहां वह दिल्ली में प्रवेश किए जाने वाले हर एक रास्ते को जाम कर के बैठे हैं। किसानों की बैठक में सरकार द्वारा प्रस्तावित किसी भी निर्णय को किसान मानने के लिए तैयार नहीं है।

जिसके बाद 3 दिसंबर को किसानों को फिर आमंत्रित किया जाएगा।

नेहा शाह

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