सरकार से छठे दौर की बातचीत के बाद राकेश टिकैत ने की ट्रैक्टर रैली रद्द
कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों में छठी दौर की बैठक भी पूरी हुई। इस दौर की बैठक के बाद दोनों पक्ष खुश नजर आए। कृषि मंत्री नरेंद्र...


कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों में छठी दौर की बैठक भी पूरी हुई। इस दौर की बैठक के बाद दोनों पक्ष खुश नजर आए। कृषि मंत्री नरेंद्र...
कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों में छठी दौर की बैठक भी पूरी हुई। इस दौर की बैठक के बाद दोनों पक्ष खुश नजर आए। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि बैठक के दौरान बिजली संशोधन विधेयक 2020 एवं एनआरसी और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता संबंधित सभी आशंकाओं को दूर करने के लिए सहमति बनी।नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठन से वार्ता के बाद या दावा किया । परंतु उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि किसान की मांग जो कि कानून को निरस्त करना है उसको लेकर किसी प्रकार की सहमति बनी या नहीं उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इन मुद्दों पर 4 जनवरी को एक बार फिर वार्तालाप होगी।
जब किसान संगठन ने अपनी मांगों को रखते हुऐ कानून को निरस्त करने के बाद कि तो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कानून और एमएसपी के विषय में चर्चा भी पूर्ण नहीं हुई है। हम 4 जनवरी को 2:00 बजे फिर से मिलेंगे और इन विषयों पर चर्चा कर किसान की सभी आशंकाओं को दूर करेंगे।आपको बता दें कि सरकार से छठे दौर की बैठक के बाद राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह ट्रैक्टर रैली को रद्द करेंगे। और सरकार के साथ 4 जनवरी को फिर से बात करने के लिए जाएंगे।
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि हम कुछ हद तक खुश हैं क्योंकि हमारी दो मांगों को मान लिया गया है। कल यानी 1 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर रैली को हमने रद्द कर दिया है परंतु हमारा आंदोलन जारी रहेगा।देश की राजधानी दिल्ली में करीब एक महीना प्रदर्शन के पूरा होने को आया है। आपको बता दें कि दिल्ली की सड़कों पर हरियाणा उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित कई अन्य राज्यों के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन की वजह केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए तीन कृषि कानून है।
किसानों का कहना है कि यह कानून सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया और इससे किसानों की न्यूनतम राशि और घटकर कम हो जाएगी। सरकार से कई दौर की बातचीत के बावजूद कोई निर्णय नहीं निकल पाया है।आपको बता दें कि सरकार में इस कानून से किसानों को लाभ होगा इस बात की लिखित गारंटी भी देने को कहा है। परंतु किसानों ने इस कानून में किसी प्रकार के संशोधन नहीं बल्कि कानून को विशेष संसद सत्र द्वारा रद्द करने की बात कही है।लगातार पांच दौर की बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया परंतु 30 दिसंबर को वही छठी दौर की बैठक के बाद सरकार और किसान दोनों पक्ष खुश नजर आए।
नेहा शाह