एशियाई देशों के साथ काम करने के लिए भारत प्रतिबद्ध- एस जयशंकर

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एशियाई देशों के साथ काम करने के लिए भारत प्रतिबद्ध- एस जयशंकर

आज 'मैरीटाइम इंडिया समिट 2021' को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विदेश मंत्री जयशंकर ने संबोधित किया. 2 मार्च से 4 मार्च तक वर्चुअल माध्यम पर पोर्ट, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की ओर से मैरीटाइम इंडिया समिट-2021 का आयोजन किया जा रहा है.|

एस जयशंकर ने कहा, आज का आयोजन हमारे क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ाने और चाबहार के माध्यम से मध्य एशियाई देशों की समुद्र तक पहुंच प्रदान करने के लिए सभी क्षेत्रीय हितधारकों के साथ मजबूती के साथ काम करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.|

'मैरीटाइम इंडिया समिट 2021' में चाबहार दिवस मनाते हुए उन्होंने अपना उद्घाटन भाषण दिया और कहा कि चाबहार पोर्ट न केवल क्षेत्र के लिए कमर्शियल ट्रांजिट हब के रूप में उभरा है बल्कि मानवीय सहयोग के वितरण की सुविधा भी है.| कोरोना महामारी के दौरान पोर्ट अफगानिस्तान के लोगों की शांति, स्थिरता और समृद्धि के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है.|

भारत ने ईरान की सबसे खराब स्थिति से लड़ने में मदद की. इसके तहत चाबहार पोर्ट के जरिए जून 2020 में 25 मीट्रिक टन मालाथियन की आपूर्ति की गई. आज के Maritime India Summit के वर्चुअल आयोजन में अफगानिस्तान, आर्मीनिया, ईरान, कजाकिस्तान, रूस और उज्बेकिस्तान के मंत्रियों ने हिस्सा लिया.|


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मैरीटाइम इंडिया समिट 2021 को संबोधित करते हुए, मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ इसे दुनिया की अग्रणी ब्लू इकॉनमी के रूप में बदलने के लिए भारत के दृष्टिकोण को व्यक्त करते हुए स्पष्ट आह्वान किया.|

प्रधानमंत्री ने समिट का उद्घाटन करने के बाद कहा, "इस मैरिटाइम इंडिया समिट के माध्यम से, मैं दुनिया को भारत आने के लिए और हमारे विकास पथ का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करना चाहता हूं. भारत समुद्री क्षेत्र में बढ़ने और दुनिया की अग्रणी ब्लू इकॉनमी के रूप में उभरने के बारे में बहुत गंभीर है." प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि समिट समुद्री क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा और भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा.|


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