केंद्र सरकार कि नई गाइडलाइंस पर ट्विटर ने तोड़ी चुप्पी प्रवक्ता ने दिया बयान कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खतरा......
सोशल मीडिया पर हो रहे टकराव के बीच ट्विटर ने आज नए डिजिटल नियमों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरे और पुलिस द्वारा धमकी...
सोशल मीडिया पर हो रहे टकराव के बीच ट्विटर ने आज नए डिजिटल नियमों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरे और पुलिस द्वारा धमकी...
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सोशल मीडिया पर हो रहे टकराव के बीच ट्विटर ने आज नए डिजिटल नियमों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरे और पुलिस द्वारा धमकी की रणनीति पर चिंता व्यक्त की।
आपको बता दें कि ट्विटर को सोशल मीडिया की सबसे दिग्गज कंपनी माना जाता है। ट्विटर कंपनी ने कहा कि वह लागू कानून का पालन करने का प्रयास करेगी और यह पारदर्शिता के सिद्धांतों द्वारा सख्ती से निर्देशित होगी।
सोशल मीडिया को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइंस पर ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा कि ट्विटर भारत के लोगों के हितो के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सेवा सार्वजनिक बातचीत और महामारी के दौरान लोगों के समर्थन के स्रोत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है।
अपनी सेवा उपलब्ध रखने के लिए हम भारत में लागू कानून का पालन करने का प्रयास करेंगे लेकिन, जैसा कि हम दुनिया भर में करते हैं, हम पारदर्शिता के सिद्धांतों, सेवा पर हर आवाज को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता और कानून के शासन के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए कड़ाई से निर्देशित होते रहेंगे।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अभी हम भारत में अपने कर्मचारियों के संबंध में हाल की घटनाओं और उन लोगों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संभावित खतरे से चिंतित हैं, जिनकी हम सेवा करते हैं।
हम, भारत और दुनिया भर में नागरिक समाज में कई लोगों के साथ, हमारी वैश्विक सेवा की शर्तों को लागू करने के साथ-साथ नए आईटी नियमों के मूल तत्वों के जवाब में पुलिस द्वारा धमकाने की रणनीति के उपयोग के संबंध में चिंतित हैं। हम इन विनियमों के उन तत्वों में बदलाव की वकालत करने की योजना बना रहे हैं जो मुक्त, खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं।
ट्विटर द्वारा फॉलो की गई गाइडलाइंस को लेकर उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार के साथ अपनी रचनात्मक बातचीत जारी रखेंगे और मानते हैं कि सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है। जनता के हितों की रक्षा करना निर्वाचित अधिकारियों, उद्योग और नागरिक समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है
नेहा शाह