मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश कहा- अब एमबीए कर चुके युवा तथा प्रशासनिक अधिकारी करेंगे मरीजों का इलाज
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या अस्पतालों में आए दिन बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से मरीजों की संख्या के मुकाबले अस्पतालों में...
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या अस्पतालों में आए दिन बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से मरीजों की संख्या के मुकाबले अस्पतालों में...
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वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या अस्पतालों में आए दिन बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से मरीजों की संख्या के मुकाबले अस्पतालों में बड़ी संख्या में चिकित्सकों की कमी भी देखने को मिल रही है। अस्पतालों की हालत को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सरकारी अस्पतालों के प्रशासनिक कार्यभार डॉक्टर नहीं संभालेंगे। उन्हें सिर्फ चिकित्सा का कार्य ही देखना होगा। प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्यों से डॉक्टरों को कार्यमुक्त किया जाएगा। इस काम के लिए एमबीए कर चुके युवाओं को मौका दिया जाएगा।
गौरतलब है कि महामारी की वजह से पूरे विश्व में हाहाकार मचा है पर दूसरी लहर में इसका सबसे बड़ा प्रकोप भारत में देखने को मिला है। यदि राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश के लखनऊ में महामारी के कारण संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने की वजह से प्रशासनिक एवं प्रबंध की जिम्मेदारी होने के नाते बड़ी संख्या में डॉक्टर अस्पताल में भर्ती किए जा रहे हैं क्योंकि इससे पूर्व मरीजों का इलाज कर पाना असमर्थ हो रहा था।
इन्हीं डॉक्टरों को प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्यों से मुक्त करके चिकित्सीय कार्य में लगाया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम 9 ने बैठक कर इस बारे में निर्णय लिया। योगी सरकार का मानना है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी पूरा करने में यह फैसला सहायक होगा।
आपको बता दें कि प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्यों से सरकार द्वारा मुक्त किए गए विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या 450 से अधिक मानी जा रही है और मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार निदेशालय और अन्य सरकारी दफ्तरों में तैनात इन डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों को अपना कार्यभार छोड़कर अब अस्पतालों में मरीजों का इलाज करना होगा। महामारी की भयंकर स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा फैसला लिया गया।
नेहा शाह