डीआरडीओ की स्वदेशी पावर टेकऑफ शाफ्ट का पहला सफल फ्लाइट टेस्ट बेंगलुरू में एलसीए तेजस पर हुआ
बेंगलुरु ,मार्च, 2023 : लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए तेजस) लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी)- 3 विमानों पर पावर टेक ऑफ (पीटीओ) शाफ्ट का पहला सफल...
बेंगलुरु ,मार्च, 2023 : लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए तेजस) लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी)- 3 विमानों पर पावर टेक ऑफ (पीटीओ) शाफ्ट का पहला सफल...
बेंगलुरु ,मार्च, 2023 : लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए तेजस) लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी)- 3 विमानों पर पावर टेक ऑफ (पीटीओ) शाफ्ट का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया गया। पीटीओ शाफ्ट को चेन्नई में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के कॉम्बैट वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (सीवीआरडीई) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
पीटीओ शाफ्ट, जो विमान में एक महत्वपूर्ण घटक है, भविष्य के लड़ाकू विमानों और उनके वेरिएंट की आवश्यकताओं को पूरा करेगा और प्रतिस्पर्धी लागत और कम समय में उपलब्धता पेश करेगा। इस सफल परीक्षण के साथ, डीआरडीओ ने जटिल हाई-स्पीड रोटर तकनीक को साकार करके एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि हासिल की है, जो केवल कुछ ही देशों के पास है।
पीटीओ शाफ्ट को अनोखी और इनोवेटिव पेटेंट 'फ्रीक्वेंसी स्पैनिंग तकनीक' के साथ डिजाइन किया गया है जो इसे विभिन्न ऑपरेटिंग इंजन गति प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। हल्के वजन की उच्च गति, लुब्रिकेश-फ्री पीटीओ शाफ्ट ड्राइव लाइन में उत्पन्न होने वाले मिसलिग्न्मेंट को समायोजित करते हुए विमान के इंजन गियर बॉक्स और एयरक्राफ्ट माउंटेड एक्सेसरी गियर बॉक्स के बीच उच्च शक्ति प्रसारित करता है।
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, सैन्य उड़नयोग्यता और प्रमाणन केंद्र, एयरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस महानिदेशालय और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए सीवीआरडीई के साथ मिलकर काम किया है। पीटीओ शाफ्ट तकनीक को पहले ही गोदरेज एंड बॉयस, मुंबई और लक्ष्मी टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, कोयंबटूर में स्थानांतरित कर दिया गया है।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, पीएसयू और उद्योग की सराहना करते हुए कहा है कि पीटीओ शाफ्ट का सफल कार्यान्वयन 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक और प्रमुख मील का पत्थर है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने कहा कि इस सफलता ने देश की अनुसंधान क्षमता को प्रदर्शित किया है और यह परीक्षण विमान कार्यक्रमों का सक्रिय रूप से समर्थन करेगा।