इसरो ने फिर रचा इतिहास, आदित्य-एल1 ने किया सूर्य नमस्कार
नई दिल्ली ,06 जनवरी (आरएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शनिवार को एक बार फिर से इतिहास रचकर पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। इसरो ने...
नई दिल्ली ,06 जनवरी (आरएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शनिवार को एक बार फिर से इतिहास रचकर पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। इसरो ने...
नई दिल्ली ,06 जनवरी (आरएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शनिवार को एक बार फिर से इतिहास रचकर पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। इसरो ने 'आदित्य-एल1Ó यान को पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंज पॉइंट 1 पर हेलो ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। दरअसल आदित्य की यात्रा 2 सितंबर 2023 को को शुरू हुई थी।
पांच महीने बाद 6 जनवरी 2024 की शाम ये सैटेलाइट एल-1 प्वाइंट पर पहुंच गया। इस प्वाइंट के चारों तरफ मौजूद सोलर हैलो ऑर्बिट में तैनात हो चुका है। हैलो ऑर्बिट में डालने के लिए आदित्य एल-1 सैटेलाइट के थ्रस्टर्स को थोड़ी देर के लिए ऑन किया गया। इसमें कुल मिलाकर 12 थ्रस्टर्स हैं। मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सौर वायुमंडल, विशेष रूप से क्रोमोस्फीयर और कोरोना का अध्ययन करना है और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सौर फ्लेयर्स और सौर कोरोना की रहस्यमय हीटिंग जैसी घटनाओं में अंतर्दृष्टि प्राप्त करना है।