किन्नर कैलाश यात्रा 15 जुलाई से 30 अगस्त तक, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

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किन्नर कैलाश यात्रा 15 जुलाई से 30 अगस्त तक, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
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किन्नौर , हिमाचल प्रदेश : किन्नर कैलाश यात्रा इस साल 15 जुलाई से आधिकारिक रूप से शुरू होकर 30 अगस्त तक चलेगी। प्रशासन ने इस बार यात्रा की अवधि को बढ़ाकर 45 दिन कर दिया है, ताकि चोरी-छिपे यात्रा करने वालों पर रोक लगाई जा सके और श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके। हालांकि, यात्रा पूरी तरह से मौसम की स्थिति पर निर्भर रहेगी और इसमें कभी भी बदलाव किया जा सकता है।


श्रद्धालुओं के लिए तांगलिंग में एक बेस कैंप स्थापित किया जाएगा, जबकि दूसरा कैंप किन्नर कैलाश यात्रा मार्ग पर मेलिंगखटा में होगा। तांगलिंग बेस कैंप में श्रद्धालुओं का मेडिकल फिटनेस सहित अन्य जांच के बाद ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी। सुरक्षा की दृष्टि से तांगलिंग से यात्रा के लिए सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही अनुमति दी जाएगी। उसके बाद यात्रा प्रतिबंधित रहेगी। मेलिंगखटा से आगे किन्नर कैलाश के लिए रात 1 बजे से सुबह 6 बजे तक यात्रा की जा सकेगी, इस दौरान किसी भी श्रद्धालु को बीच में रुकने की अनुमति नहीं होगी।


मेलिंगखटा और गुफा के पास त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) मौजूद रहेंगे ताकि विपरीत परिस्थितियों में सहायता प्रदान की जा सके। तांगलिंग, मेलिंगखटा और गुफा के पास स्वास्थ्य टीमें मौजूद रहेंगी।

मेलिंगखटा के अलावा श्रद्धालुओं को कहीं और रुकने की अनुमति नहीं होगी। मेलिंगखटा में 70% टेंट सुविधा स्थानीय लोगों द्वारा और 30% टेंट नीलामी के आधार पर उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस बार प्रशासन तांगलिंग के अलावा रिब्बा और पुरबनी से भी यात्रा करवाने का प्रयास कर रहा है। इन दोनों मार्गों पर 5 जुलाई को दो अलग-अलग रेकी टीमें भेजी जाएंगी, जो सुरक्षा और अन्य सुविधाओं से संबंधित रिपोर्ट 7 जुलाई तक प्रशासन को सौंपेंगी। इसके बाद ही इन मार्गों पर यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि चोरी-छिपे यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के खिलाफ पहले ही सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन श्रद्धालुओं को राहत देने के उद्देश्य से इस बार यात्रा की समयावधि को बढ़ाया गया है।

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