भारत-कनाडा संयुक्त वक्तव्य: व्यापार और निवेश पर वर्ष 2025 मंत्रिस्तरीय वार्ता
कनाडा के निर्यात संवर्धन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास मंत्री मनिंदर सिद्धू, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के निमंत्रण...

कनाडा के निर्यात संवर्धन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास मंत्री मनिंदर सिद्धू, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के निमंत्रण...
कनाडा के निर्यात संवर्धन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास मंत्री मनिंदर सिद्धू, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के निमंत्रण पर 11 से 14 नवंबर, 2025 तक भारत की आधिकारिक यात्रा की।
कनाडा के कनानसकीस में जी7 बैठक के दौरान द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार तथा 13 अक्टूबर, 2025 के विदेश मंत्रियों के संयुक्त वक्तव्य: "एक मजबूत साझेदारी की दिशा में नई गति" जिसमें व्यापार को द्विपक्षीय आर्थिक विकास की आधारशिला के रूप में पहचाना गया है। दोनों व्यापार मंत्रियों ने व्यापार और निवेश (एमडीटीआई) पर मंत्रिस्तरीय वार्ता के 7वें भाग का आयोजन किया। मंत्रियों ने भारत-कनाडा आर्थिक साझेदारी की मजबूती और निरंतरता की पुष्टि की। दोनों मंत्रियों ने सतत वार्ता, आपसी सम्मान और दूरदर्शी पहलों के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
वस्तुओं और सेवाओं के द्विपक्षीय व्यापार में, मंत्रियों ने मजबूत वृद्धि का उल्लेख किया, जो वर्ष 2024 में 23.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें लगभग 8.98 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापारिक मूल्य शामिल था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। मंत्रियों ने भारत-कनाडा आर्थिक साझेदारी की मजबूती और लचीलेपन की पुष्टि की और व्यापार और निवेश के नए अवसरों को प्रदान करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ निरंतर जुड़ाव के महत्व पर बल दिया। उन्होंने दो-तरफ़ा निवेश प्रवाह के निरंतर विस्तार का स्वागत किया, जिसमें भारत में उल्लेखनीय कनाडाई संस्थागत निवेश और कनाडा में भारतीय फर्मों की बढ़ती उपस्थिति शामिल है, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं में दसियों हजार नौकरियों का सृजन करते हैं। मंत्रियों ने पारदर्शी और पूर्वानुमानित निवेश वातावरण बनाए रखने और प्राथमिकता और उभरते क्षेत्रों में गहन सहयोग के अवसरों की खोज करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।
मंत्रियों ने भारत और कनाडा के बीच रणनीतिक क्षेत्रों में मजबूत पूरकताओं पर भी ध्यान दिया, जो सतत विकास और नवाचार को बढ़ावा देते हैं। यह व्यापार के लिए नए अवसर प्रदान करते हैं। यह स्वीकार करते हुए कि इन क्षेत्रों में दोनों पक्षों के संबंधित हितधारकों के बीच अलग-अलग डोमेन-स्तरीय सहयोग की आवश्यकता होगी, मंत्रियों ने:
• ऊर्जा परिवर्तन और नए युग के औद्योगिक विस्तार के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों और स्वच्छ ऊर्जा सहयोग में दीर्घकालिक आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी को प्रोत्साहित करने पर सहमति दी।
• भारत में कनाडा की स्थापित उपस्थिति और भारत के विमानन क्षेत्र के विकास का लाभ उठाते हुए एयरोस्पेस और दोहरे उपयोग क्षमता साझेदारी में निवेश और व्यापार के अवसरों की पहचान करने और विस्तार करने पर सहमति दी।
आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन के महत्व को स्वीकार करते हुए, मंत्रियों ने वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने हाल की बाधाओं से सीखे गए सबक पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कृषि सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लचीलेपन को मज़बूत करने की प्रासंगिकता पर ज़ोर दिया और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के लिए विविध और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।
मंत्रियों ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मज़बूत करने में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने वैश्विक विकास, उभरती आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार गतिशीलता को प्रतिबिंबित करने के लिए आर्थिक साझेदारी को उन्नत करने की अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने द्विपक्षीय संवाद में गति बनाए रखने और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया, जो साझेदारी को एक मज़बूत आधार प्रदान करते हैं।
मंत्रियों ने अगले वर्ष के प्रारम्भ में कनाडा और भारत दोनों देशों के व्यापार एवं निवेश समुदाय के साथ मंत्रिस्तरीय वार्ता जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
उन्होंने अगले कदमों पर विचार करते समय निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की तथा नई दिल्ली में आयोजित रचनात्मक और दूरदर्शी चर्चाओं को स्वीकार करते हुए अपनी बात समाप्त की।





