मोदी सरकार की योजनाओं से 30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर: रिपोर्ट
मोदी सरकार की योजनाओं ने देश में करोड़ों लोगों को गरीबी से निकालने में बड़ी भूमिका निभाई है। पीएम आवास योजना से लेकर मुद्रा और लखपति दीदी जैसी योजनाओं...


मोदी सरकार की योजनाओं ने देश में करोड़ों लोगों को गरीबी से निकालने में बड़ी भूमिका निभाई है। पीएम आवास योजना से लेकर मुद्रा और लखपति दीदी जैसी योजनाओं...
मोदी सरकार की योजनाओं ने देश में करोड़ों लोगों को गरीबी से निकालने में बड़ी भूमिका निभाई है। पीएम आवास योजना से लेकर मुद्रा और लखपति दीदी जैसी योजनाओं ने देश में महिलाओं और बच्चों की गरीबी कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य शमिका रवि और डॉ. मुदित कपूर की रिसर्च रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। शोधपत्र में घरेलू संसाधनों के वितरण और गरीबी उन्मूलन पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है।
शोध के अनुसार, वर्ष 2011-12 और 2022-23 के बीच घरों में संसाधनों के समान बंटवारे से 30 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर आ गए। शोध में यह बात सामने आई कि घरेलू संसाधनों के समान वितरण से, राष्ट्रीय गरीबी दर 2011-12 के 29.5 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में चार प्रतिशत हो गई, हालाँकि, असमान बंटवारे को ध्यान में रखते हुए, 2011-12 में गरीबी दर 34.7 प्रतिशत अधिक थी, जो 2023-24 में घटकर 10.5 प्रतिशत हो गई।
इस दौरान, महिलाओं और बच्चों की गरीबी में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई। महिलाओं की गरीबी दर 33.3% से घटकर 2.2% हो गई। जबकि बच्चों की गरीबी दर 58.3% से घटकर 17.8% हो गई।
शोधपत्र में ये भी कहा गया है कि संसाधनों के समान वितरण से गरीबी का अंतर भी 2011-12 के 18.4% से घटकर 2023-24 में 10.2% हो गया। वहीं, असमान वितरण में बच्चों और महिलाओं की गरीबी का अंतर काफी कम हुआ, जबकि पुरुषों की गरीबी के अंतर में मामूली बदलाव आया।
शोधपत्र में कहा गया है कि, 2011-12 और 2022-23 के बीच, परिवारों के भीतर संसाधनों के समान बंटवारे से, लगभग 30.2 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। हालाँकि, परिवार के सदस्यों के बीच संसाधनों के असमान आवंटन की बात करें तो, 27.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। इससे महिलाओं और बच्चों की गरीबी में उल्लेखनीय दर्ज की गई।