प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में AI, अंतरिक्ष, नारी शक्ति और और स्वास्थ्य पर की चर्चा

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प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में AI, अंतरिक्ष, नारी शक्ति और और स्वास्थ्य पर की चर्चा
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प्रधानमंत्री मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में AI, अंतरिक्ष, नारी शक्ति और और स्वास्थ्य पर की चर्चा


प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-ए आई के क्षेत्र में भारत तेजी से अपनी मजबूत पहचान बना रहा है। आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में श्री मोदी ने कहा कि भारत के लोग नई प्रौद्योगिकी अपनाने में किसी से पीछे नहीं हैं। उन्‍होंने बताया कि हाल ही में जब वे ए आई के एक बड़े सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए पेरिस गए तो वहां दुनियां ने इस क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की।


भारत के लोग आज ए आई का इस्‍तेमाल किस-किस तरह से कर रहे हैं इसके उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने तेलंगाना में आदिलाबाद के सरकारी स्‍कूल के एक शिक्षक थोडासम कैलाश की चर्चा की। श्री कैलाश ए आई का उपयोग कोलामी बोली में गाने कंपोज़ करने के लिए कर रहे हैं। श्री मोदी ने कई अन्‍य जनजातीए भाषाओं में गीत तैयार करने में श्री कैलाश के योगदान की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं की भागीदारी से अंतरिक्ष और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विभिन्‍न क्षेत्रों में नई क्रांति आ रही है। उन्‍होंने इस बात पर गर्व व्‍यक्‍त किया कि देश ने पिछले महीने इसरो के जरिए अपना 100वां रॉकेट छोड़ा। उन्‍होंने कहा कि इससे पता चलता है कि राष्‍ट्र दिन प्रति दिन अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊंचाइयां छू रहा है। श्री मोदी ने कहा कि इसरो की सफलताओं का दायरा अत्‍यंत व्‍यापक है, जिसमें उपग्रह प्रक्षेपण, चंद्रयान की सफलता, मंगलयान, आदित्‍य एल-1 और एक ही रॉकेट से एक ही बार में 104 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने जैसे अभूतपूर्व मिशन शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में करीब 460 उपग्रह छोड़े गए हैं जिनमें अन्‍य देशों के उपग्रह भी शामिल हैं।



प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की टीम में नारी शक्ति की भागीदारी बढ़ने पर भी संतोष व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने इस बात पर भी प्रसन्‍नता जताई कि अंतरिक्ष क्षेत्र हमारे युवाओं को बहुत प्रिय है। उन्‍होंने कहा कि निजी क्षेत्र में आज स्‍टार्टअप और निजी क्षेत्र की स्‍पेस कंपनियों की संख्‍या 100 को पार कर गई है। श्री मोदी ने कहा कि हमारे जो युवा जीवन में कुछ रोमांचक और आकर्षक करना चाहते हैं उनके लिए अंतरिक्ष क्षेत्र बेहतरीन विकल्‍प बन गया है।



इस महीने की 28 तारीख को राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के परिप्रेक्ष्‍य में प्रधानमंत्री ने श्रोताओं को सुझाव दिया कि वे अपना एक दिन वैज्ञानिक के रूप में बिताएं, जिसमें वे किसी अनुसंधान प्रयोगशाला, प्‍लैनेटेरियम या फिर अंतरिक्ष केंद्र जैसी जगह पर जा सकते हैं।



श्री मोदी ने आठ मार्च को अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस मनाए जाने की भी चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि यह नारी शक्ति को सलाम करने का विशेष अवसर है। उन्‍होंने देवी महात्‍म्‍य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी विद्याएं देवी के ही विभिन्‍न स्‍वरूपों की अभिव्‍यक्ति हैं और जगत की समस्‍त नारी शक्ति में ही उनका प्रतिरूप है। उन्‍होंने कहा कि हमारी संस्‍कृति में बेटियों का सम्‍मान सर्वोपरि रहा है और देश की मातृशक्ति ने हमारे स्‍वतंत्रता संग्राम और संविधान के निर्माण में भी बड़ी भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने संविधान सभा में राष्‍ट्रीय ध्‍वज प्रस्‍तुत करते हुए हंसा मेहता जी की आवाज़ में उनके संदेश का उल्‍लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हंसा मेहता ने हमारे राष्‍ट्रीय ध्‍वज के निर्माण से लेकर उसके लिए बलिदान देने वाली देशभर की महिलाओं के योगदान को सामने रखा था। उनका मानना था कि हमारे तिरंगे में केसरिया रंग से भी यही भावना उजागर होती है। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍य‍क्‍त किया था कि हमारी नारी शक्ति भारत को सशक्‍त और समृद्ध बनाने में अपना बहुमूल्‍य योगदान देगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी बातें सच साबित हो रही हैं। श्री मोदी ने कहा कि सभी क्षेत्रों में महिलाओं का व्‍यापक योगदान है।

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि इस बार महिला दिवस पर वे एक ऐसी पहल करने जा रहे हैं जो हमारी नारी शक्ति को समर्पित होगी। उन्‍होंने कहा कि वे एक्‍स और इंस्‍टाग्राम जैसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक दिन के लिए कुछ ऐसी प्रेरक महिलाओं को सौंपेंगे, जिन्‍होंने अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं, नवाचार किया है या अपनी एक अलग पहचान बनाई है। 8 मार्च को वे अपने कार्य और अनुभवों को देशवासियों के साथ साझा करेंगे। उन्‍होंने कहा कि जो महिलाएं चाहती हैं कि उन्‍हें यह अवसर मिले तो वे नमो ऐप पर बनाए गए विशेष फोरम के माध्‍यम से इस प्रयोग का हिस्‍सा बन सकती हैं। उन्‍होंने कहा कि महिला दिवस पर वे प्रधानमंत्री के एक्‍स और इंस्‍टाग्राम अकाउंट से पूरी दुनियां तक अपनी बात पहुंचाने के अवसर का लाभ उठा सकती हैं।

प्रधानमंत्री ने उत्‍तराखंड में राष्‍ट्रीय खेलों के रोमांच की भी चर्चा की, जहां 11 हजार से अधिक खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्‍होंने कहा कि इस आयोजन ने देवभूमि का नया स्‍वरूप प्रस्‍तुत किया। श्री मोदी ने कहा कि उत्‍तराखंड के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और यह प्रदेश अब देश में सशक्‍त खेल भूमि के रूप में उभर रहा है।

श्री मोदी ने सबसे ज्‍यादा गोल्‍ड मेडल जीतने वाली सेना की टीम को बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि हमारे बहुत से खिलाड़ी खेलो इंडिया अभियान की देन हैं। उन्‍होंने हिमाचल प्रदेश के सावन बरवाल, महाराष्‍ट्र के किरण मात्रे, तेजस शिरसे और आंध्र प्रदेश की ज्‍योति याराजी की भी चर्चा की जिन्‍होंने देश को नई उम्‍मीदें दी हैं। उन्‍होंने उत्‍तर प्रदेश के भालाफेंक खिलाड़ी सचिन यादव, हरियाणा की हाई जंपर पूजा और कर्नाटक की तैराक धिनिधि देसिन्‍धु की सराहना की जिन्‍होंने देशवासियों का दिल जीता। इन खिलाड़ियों ने 3 नए राष्‍ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर सबको चौंका दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बार के राष्‍ट्रीय खेलों में किशोर चैंपियंस की संख्‍या पर आश्‍चर्य प्रकट किया। उन्‍होंने कहा कि 15 साल के निशानेबाज गेविन एंटनी, उत्‍तर प्रदेश की हैमर थ्रो खिलाड़ी 16 वर्षीया अनुष्‍का यादव और मध्‍य प्रदेश के 19 वर्षीए पोलवाल्‍टर देव कुमार मीणा ने साबित कर दिया कि खेलों में भारत का भविष्‍य प्रतिभावान पीढ़ी के हाथों में है।

श्री मोदी ने कहा कि देहरादून में राष्‍ट्रीय खेलों के उद्घाटन के अवसर पर उन्‍होंने एक महत्‍वपूर्ण विषय के रूप में मोटापे की समस्‍या की चर्चा की थी। उन्‍होंने कहा कि एक चुस्‍त और स्‍वस्‍थ राष्‍ट्र बनने के लिए हमें मोटापे की समस्‍या से निपटना होगा। उन्‍होंने कहा कि आज हर आठ में से एक व्‍यक्ति इस समस्‍या से परेशान है। बीते वर्षों में मोटापे के मामले दोगुने हो गए हैं और इससे भी ज्‍यादा चिंता की बात यह है कि बच्‍चों में भी मोटापे की समस्‍या चार गुना बढ़ गई है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के डेटा से पता चलता है कि 2022 में दुनियाभर में करीब 250 करोड़ लोग अधिक वजन वाले थे। श्री मोदी ने इन आंकड़ों पर चिंता जताई और कहा कि अधिक वजन या मोटापा कई तरह की परेशानियों को और बीमारियों को भी जन्‍म देता है। उन्‍होंने सुझाव दिया कि इस समस्‍या से निपटने के लिए खाने के तेल में 10 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है। उन्‍होंने श्रोताओं से कहा कि वे तय कर सकते हैं कि हर महीने दस प्रतिशत खाद्य तेल कम खरीदेंगे।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भोजन में तेल के अत्यधिक इस्तेमाल से हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बिमारियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपने खान-पान की आदतों में कुछ बदलाव कर फिट रह सकते हैं और बीमारियों से बच सकते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि वे दस लोगों को अपने भोजन में तेल में दस प्रतिशत की कटौती करने की चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि वे उन लोगों से आग्रह करेंगे कि वे दस और लोगों को यही चुनौती दें। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इससे मोटापे से लड़ने में मदद मिलेगी।

आज मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने मोटापे के विषय पर ओलिम्पिक पदक विजेता एथलीट नीरज चौपड़ा, निखत जरीन और प्रख्यात डॉक्टर देवी शेट्टी के विशेष संदेश साझा किये।

नीरज चौपड़ा ने बताया कि एक समय उनका वजन भी काफी अधिक था और जब उन्होंने अभ्यास करना और पौष्टिक आहार लेना शुरू किया तो उनका स्वास्थ्य बेहतर होता गया। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वह अपने बच्चों को आउटडोर खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करें।

मुक्‍केबाज निखत जरीन ने कहा कि मोटापा एक गंभीर चिंता है और लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पौष्टिक आहार और प्रतिदिन शारीरिक अभ्यास फिट रहने में मदद करते हैं। उन्होंने श्रोताओं को सलाह दी कि स्वस्थ रहने के लिए वे तेल का उपयोग कम करें।

डॉक्टर देवी शेट्टी ने सावधान करते हुए कहा कि मोटापा एक बहुत ही गंभीर चिकित्सा समस्या है। उन्होंने कहा कि मोटापे का मुख्य कारण गलत चीजों का सेवन और तेल का अधिक इस्तेमाल करना है। डॉक्टर शेट्टी ने बताया कि मोटापे के कारण हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, फैटी लीवर जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे पौष्टिक भोजन लें और सक्रिय जीवन शैली अपनाएं।

आज मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने भारत के जीवंत वनस्पति और जीव - जंतुओँ का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि एशियाई शेर, हंगुल, पिग्मी हॉग और लॉयन टेल्ड मैकाक भारत के अलावा, विश्व में कहीं नहीं पाये जाते। श्री मोदी ने कहा कि कई पशुओं को देवी- देवताओं का वाहन भी माना जाता है। उन्होंने कहा कि मध्य भारत में कई जनजातियां बागेश्वर की पूजा करती हैं और महाराष्ट्र में वाघोबा को पूजने की परंपरा है। भगवान अयप्पा का बाघ के साथ गहरा सम्बंध है। सुंदरबन में बॉनबीबी की पूजा की जाती है और बाघ उनका वाहन है। श्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक के हुली वेशा, तमिलनाडु के पूली और केरल के पुलिकली जैसे कई सांस्कृतिक नृत्य हैं जिनका संबंध प्रकृति और वन्य जीवन से है। उन्होंने वन्य जीवन के संरक्षण से जुड़े कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए देश के जनजातीय लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कर्नाटक के बीआरटी बाघ अभ्यारण्य में बाघों की आबादी लगातार बढ़ रही है उन्होंने इसका श्रेय सोलिगा जनजाति को दिया। यह जनजाति बाघ की पूजा करती है। उन्होंने गिर में एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए गुजरात के लोगों के योगदान की भी सराहना की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन प्रयासों के कारण पिछले कुछ वर्षों में बाघो, तेंदुओं, एशियाई शेरों, गैंडों और बारहसिंघों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत का हर भाग, प्रकृति के प्रति न केवल संवेदनशील है बल्कि वह वन्य जीवन के संरक्षण के प्रति वचनबद्ध भी है।

श्री मोदी ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में डियर वुमन के नाम से जानी जाने वाली अनुराधा राव का उल्लेख किया। अनुराधा राव ने कम उम्र से ही पशु कल्याण के प्रति स्वंय को समर्पित कर दिया था और पिछले तीन दशकों से हिरणों और मोरों की रक्षा करने को उन्होंने अपना मिशन बना रखा है। अगले महीने के शुरू में विश्व वन्य जीव दिवस का आयोजन होना है। प्रधानमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे वन्य जीव संरक्षण से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने इस क्षेत्र में उभरकर सामने आने वाले कई स्टार्टअप्स को लेकर संतोष व्यक्त किया।

अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोर्ड की परीक्षा में भाग ले रहे परीक्षा योद्धाओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे बिना तनाव लिए सकारात्मक भावना के साथ अपनी परीक्षाएं दें। श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की, कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम अब संस्थागत रूप लेता जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष एक नए फॉर्मेट में परीक्षा पे चर्चा आयोजित की गई। विशेषज्ञों के साथ आठ अलग-अलग कड़ियां शामिल की गई। उन्होंने कहा कि ये सभी कड़ियां नमो ऐप पर उपलब्ध हैं।

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