पीएम मोदी ने INSV कौंडिन्य की ऐतिहासिक यात्रा की सराहना की

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पीएम मोदी ने INSV कौंडिन्य की ऐतिहासिक यात्रा की सराहना की
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भारतीय नौसेना का नौकायन पोत कौंडिन्य 29 दिसम्बर को गुजरात के पोरबंदर से ओमान सल्तनत के मस्कट के लिए अपनी पहली विदेशी यात्रा पर रवाना हुआ।

INSV कौंडिन्य भारतीय नौसेना का स्वदेशी रूप से बनाया गया पारंपरिक नौकायन पोत है। यह ऐतिहासिक अभियान भारत की प्राचीन समुद्री विरासत को एक जीवित समुद्री यात्रा के माध्यम से पुनर्जीवित करने, समझने और मनाने के प्रयासों में एक प्रमुख मील का पत्थर है।

इस पोत को औपचारिक रूप से वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान ने, भारत में ओमान सल्तनत के राजदूत महामहिम इस्सा सालेह अल शिबानी और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों और विशिष्ट मेहमानों की गरिमामयी उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। आईएनएसवी कौंडिन्य का निर्माण पारंपरिक सिलाई वाली जहाज निर्माण तकनीकों का उपयोग करके किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोरबंदर से ओमान के मस्कट के लिए अपनी पहली यात्रा पर रवाना हो रहे आईएनएसवी कौंडिन्य को साकार करने में किए गए अथक प्रयासों के लिए डिजाइनरों, कारीगरों, जहाज निर्माताओं और भारतीय नौसेना को बधाई दी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि यह देखकर बेहद खुशी हुई कि आईएनएसवी कौंडिन्य पोरबंदर से ओमान के मस्कट के लिए अपनी पहली यात्रा पर रवाना हो रहा है। प्राचीन भारतीय सिलाई-जहाज तकनीक से निर्मित यह जहाज भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं को दर्शाता है। मैं इस अद्वितीय जहाज को साकार करने में किए गए अथक प्रयासों के लिए डिजाइनरों, कारीगरों, जहाज निर्माताओं और भारतीय नौसेना को बधाई देता हूं। मैं चालक दल को सुरक्षित और यादगार यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं, क्योंकि वे खाड़ी क्षेत्र और उससे परे हमारे ऐतिहासिक संबंधों को पुनर्जीवित कर रहे हैं।




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