29 दिन में 4.51 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किये बाबा बर्फानी के दर्शन
29 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है। अमरनाथ यात्रा ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले 29 दिनों में 4.51 लाख से...
29 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है। अमरनाथ यात्रा ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले 29 दिनों में 4.51 लाख से...
29 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ रही है। अमरनाथ यात्रा ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले 29 दिनों में 4.51 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा की है।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने बताया कि 29 जून को शुरू हुई इस यात्रा के बाद से पिछले 29 दिनों में 4.51 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए हैं, जिससे पिछले साल की यात्रा का रिकॉर्ड टूट गया है। पिछले वर्ष पूरी यात्रा अवधि के दौरान 4.45 लाख श्रद्धालुओं ने गुफा मंदिर के दर्शन किए थे।
शनिवार को लगभग 8 हजार तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा में दर्शन किए हैं, जबकि रविवार को 1,677 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ।
अधिकारियों के अनुसार, 29 जून को यात्रा शुरू होने के बाद से घाटी जाने वाले तीर्थयात्रियों की यह सबसे छोटी संख्या है। इनमें से 408 यात्री सुबह 3.35 बजे 24 वाहनों के काफिले में सवार होकर उत्तरी कश्मीर के बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुए। 1,269 यात्रियों का दूसरा काफिला 43 वाहनों में सवार होकर दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुआ।
सीएपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के असाधारण सुरक्षा इंतजामों की वजह से इस साल यात्रा शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चल रही है।
गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना है कि यह बर्फ की संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।
यह गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं।
पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है। जिससे बाबा बर्फानी तक पहुंचने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं। दूसरा मार्ग बालटाल का है। ये 14 किलोमीटर लंबा है। इस मार्ग का चयन करने वाले लोग दर्शन करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं।
इस वर्ष की यात्रा 52 दिनों के बाद 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन त्योहार के साथ संपन्न होगी।