BIMSTEC दिवस पर बोले विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर कहा- एक्ट ईस्ट और इंडो-पैसिफिक नीतियों मे रहेगा भारत का समर्थन....
भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत ऑर्गेनाइजेशन BIMSTEC यानी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल के...
भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत ऑर्गेनाइजेशन BIMSTEC यानी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल के...
भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत ऑर्गेनाइजेशन BIMSTEC यानी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल के शुभ दिवस पर एक्ट ईस्ट और इंडोपेसिफिक नीतियों में योगदान देगा।
उन्होंने ट्विटर के जरिए ट्वीट करते हुए कहा कि बिम्सटेक दिवस पर, बंगाल की खाड़ी के सहयोग की विशाल क्षमता को रेखांकित करते हुए. हमारा देश एक्ट ईस्ट और इंडो-पैसिफिक नीतियों में भी योगदान देगा।
आपको बता दें कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मौजूद देशों के भी सहभागिता को बढ़ावा देने के मकसद से लाई गई थी। इस पॉलिसी का उद्देश्य आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों को आगे बढ़ाना और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना है। गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अप्रैल में ही 17वीं बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया था और कहा था कि देश बिम्सटेक के ढांचे के तहत क्षेत्रीय सहयोग की गति को आगे बढ़ाने और इसे एक मजबूत, जीवंत और परिणामोन्मुखी समूह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस संस्था बिम्सटेक का पूरा नाम 'बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन है। यह बंगाल की खाड़ी से सटे हुए देशों का एक क्षत्रिय संगठन है। जिस संगठन में भारत, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड देश शामिल है। इस संगठन की शुरुआत 1997 में केवल छह क्षेत्रों को शामिल करते हुए हुई थी और बाद में साल 2008 में शेष इसमें नौ क्षेत्रों को शामिल कर लिया गया।
भारत में यदि इस संगठन के अहम होने की बात करें तो वह इसलिए क्योंकि सभी सदस्य देश भारत के क़रीबी पड़ोसी भी हैं, ये भारत की पूर्व में अपना प्रभाव बढ़ाने की नीति में भी सहायक है क्योंकि ये भारत को दक्षिण एशियाई देशों से भी जोड़ता है।
नेहा शाह