हरि प्रबोधिनी एकादशी आज ,जागेंगे श्री हरि ,होगा तुलसी महारानी संग पाणिग्रहण संस्कार

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हरि प्रबोधिनी एकादशी आज ,जागेंगे श्री हरि ,होगा तुलसी महारानी  संग पाणिग्रहण संस्कार

क्षीरसागर में योग निद्रा में लीन रहने के बाद श्रीहरि कार्तिक शुक्ल एकादशी पर बृहस्पतिवार को जागेंगे। तिथि विशेष पर हरिप्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी का विशेष पर्व मनाया जायेगा और धार्मिक विधानों का भी निर्वहन होगा। घर- घर और मठ-मंदिरों में भगवान शालीग्राम संग तुलसी महारानी का पाणिग्रहण संस्कार होगा। तुलसी विवाह का मुख्य उत्सव कशी के पंचगंगा घाट पर होगा। एकादशी का गंगा स्नान व व्रत-पूजन भी इसी तिथि को होगा।




प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी के अनुसार :श्रीहरि के जागने के साथ ही लगन मुहूर्त शुरू हो जायेंगे। बैंड-बाजा बारात सजेगा और शहनाइयां गंजेगी। इस बार सहालग का सीजन दो चरणों में है जिसमें कुल 81 दिन में 55 विवाह मुहूर्त मिल रहे हैं। सर्वाधिक मुहूर्त फरवरी में है। इसी बीच 16 दिसम्बर से 30 दिनों का खरमास भी शुरू हो जायेगा। इस वर्ष 24 नवंबर से 16 दिसम्बर तक 15 लगन-मुहूर्त हैं। जबकि अगले साल 16 जनवरी से 12 मार्च तक 40 विवाह मुहूर्त हैं।

एकादशी तिथि व तुलसी विवाह मुहूर्त: प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार एकादशी तिथि बुधवार की रात 10:34 बजे लग चुकी है जो 23 नवंबर को रात्रि 08:29 बजे तक रहेगी। व्रत का पारन 24 नवंबर को प्रातः किया जायेगा। तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त 23 नवंबर को सायंकाल 04:59 से 06:55 बजे के मध्य है।

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