अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन गणतंत्र दिवस पर भारत नहीं आएंगे , क्वाड शिखर सम्मेलन भी होगा स्थगित

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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन गणतंत्र दिवस पर भारत नहीं आएंगे , क्वाड शिखर सम्मेलन भी  होगा स्थगित
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नईदिल्ली,(आरएनएस)। भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शरीक नहीं होंगे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन. खबर है कि अगले साल 26 जनवरी 2024 को होने जा रहे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन शिरकत नहीं करेंगे. हालांकि भारत सरकार की ओर से फिलहाल इसपर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. मगर बीते महीने सितंबर में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी द्वारा इससे जुड़ी सूचना दी गई थी, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को गणतंत्र दिवस के लिए निमंत्रण भेजा गया है.

अबतक मिली जानकारी के अनुसार, ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले महीने भारत की यात्रा नहीं करेंगे, जिस वजह से भारत की ओर से नई दिल्ल में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन की नई तारीखों पर विचार कर रहा है.

गौरतलब है कि, भारत नई दिल्ली में आयोजित होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन की तारीखों को अगले कुछ महीनों तक बढ़ा सकता है. सूत्रों का कहना है कि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की गैर मौजूदगी के चलते, सभी क्वाड पार्टनर एकजुट नहीं हो पाएंगे, लिहाजा भारत अब नई तारीखों की तलाश में है.

बता दें कि इस स्थिति के बाद अब भारत भी असमंजस की स्थिति में है. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शरीक होने के मद्देनजर सारी तैयारियां की जा रही थी, मगर अब जब वो नहीं आएंगे तो, भारत इस समारोह के लिए किसी अन्य मुख्य अतिथि की तलाश में है. वो भी तब जब, इस कार्यक्रम में महज अब छह सप्ताह का ही समय बचा है.

मिली जानकारी के अनुसार, कहा जा रहा है कि गणतंत्र दिवस के निमंत्रण को स्वीकार नहीं करने के पीछे अमेरिकी प्रशासन के कई कारक हो सकते हैं, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चलाया जा रहा पुनरुत्थान अभियान, इसी जनवरी और फरवरी में आयोजित स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन और भूराजनीतिक संकटों की एक श्रृंखला, खासतौर पर इजऱाइल-हमास संघर्ष मुख्य वजहों में शामिल हैं.

बता दें कि बीते साल 2021-2022, में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में किसी विदेशी नेता को शरीक नहीं किया गया था. दरअसल वो वक्त कोरोना काल का था, जब हर वैश्विक नेता का पूरा ध्यान अपने देश की स्थिति सुधारने में था. हालांकि इस बार, जो बाइडेन के बाद भारत अपने निकटतम सहयोगियों और साझेदारों को बतौर मुख्य अतिथि देश के गणतंत्र दिवस समारोह में बुलावा भेज सकता है.

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