राज्यसभा में नीट मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस अस्वीकार होने पर हंगामा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई सांसदों ने राज्यसभा में नियम 267 के अंतर्गत नीट परीक्षा पर चर्चा की मांग की है। हालांकि सभापति द्वारा यह...
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई सांसदों ने राज्यसभा में नियम 267 के अंतर्गत नीट परीक्षा पर चर्चा की मांग की है। हालांकि सभापति द्वारा यह...
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई सांसदों ने राज्यसभा में नियम 267 के अंतर्गत नीट परीक्षा पर चर्चा की मांग की है। हालांकि सभापति द्वारा यह मांग स्वीकार नहीं की गई। इसपर विपक्षी सांसदों ने सदन में जमकर नारेबाजी की।
विपक्षी सांसद अपने स्थान पर खड़े हो गए और चर्चा की मांग करने लगे। हंगामे के बीच भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा। वहीं हंगामा बढ़ने पर सभापति ने सदन की कार्रवाई 12 तक के लिए स्थगित कर दी।
प्रस्ताव रखते हुए भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बीते 73 वर्षों में एक भी विषय ऐसा नहीं है जिस पर हमने अपना आईडियोलॉजिकल स्टैंड बदला हो। वहीं विपक्ष का एक भी मुद्दा ऐसा नहीं है जिस पर उन्होंने अपना आईडियोलॉजिकल स्टैंड चेंज न किया हो। इस पर विपक्ष के कई सांसद नारेबाजी करते हुए वेल के समीप आ गए। ऐसे में उपराष्ट्रपति ने उन्हें चेतावनी दी और अपनी सीटों पर वापस जाने को कहा।
हालांकि इसके बाद सदन में हंगामा लगातार बढ़ता गया। सभापति को हंगामा के कारण सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए 21 घंटे का समय निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि सांसद इस समय को चर्चा के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। राज्यसभा में शुक्रवार को नीट से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए विपक्षी सांसदों ने नोटिस दिए हैं।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें इस विषय पर चर्चा के लिए कुल 22 नोटिस मिले हैं। इन सांसदों ने नीट में अनियमितता, चीटिंग और पेपर लीक के विषय पर बहस के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है।
हालांकि सभापति ने नियम 267 के तहत दिए गए इन सभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया। इसके साथ ही सभापति ने कहा कि वह सभी सदस्यों को चर्चा के लिए पर्याप्त समय देंगे।
सभापति ने बताया कि इस मुद्दे पर कुछ सांसद उनसे उनके कक्ष में आकर मिले थे। इस विषय पर वहां भी उन्होंने इन सांसदों को समझाया है। सभापति ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में स्पष्ट कहा है कि नीट मामले में निष्पक्ष जांच होगी। आरोपियों को सख्त सजा दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार परीक्षा कराने वाले संस्थानों में सुधार को लेकर काम कर रही है। हालांकि इस दौरान विपक्ष के कुछ सांसदों ने सदन में अपना विरोध दर्ज करना शुरू किया।
इससे पहले राज्यसभा ने राज्यसभा के पूर्व व दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी।