लोकसभा स्पीकर ने सभी दलों से सदन में सकारात्मक सहयोग और सार्थक चर्चा की अपील की
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान सदन में सकारात्मक सहयोग देने और सार्थक चर्चा...
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान सदन में सकारात्मक सहयोग देने और सार्थक चर्चा...
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान सदन में सकारात्मक सहयोग देने और सार्थक चर्चा करने की अपील की है।
लोकसभा स्पीकर बिरला ने संसद सत्र को लेकर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, “18वीं लोकसभा का बजट सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है। आशा है कि सदन में सभी दलों के नेताओं और माननीय सदस्यों के सकारात्मक सहयोग व सार्थक चर्चा-संवाद के परिणामस्वरूप हम मिलकर देश में आर्थिक और सामाजिक बदलाव के साथ राष्ट्र की उन्नति में सहभागिता निभाएंगे।”
आपको बता दें कि संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे संसद सत्र के 12 अगस्त तक चलने की संभावना है। सत्र में 22 दिनों की अवधि के दौरान कुल 16 बैठकें होंगी।
सत्र के पहले दिन, सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भारत के आर्थिक सर्वेक्षण को संसद के पटल पर पेश करेंगी। यह सत्र मुख्य रूप से 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट से संबंधित फाइनेंशियल बिजनेस के लिए समर्पित होगा। सत्र के दूसरे दिन, मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट संसद में पेश करेंगी। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई को ही पेश किया जाएगा।
18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र और राज्यसभा के 265वें सत्र के दौरान सरकार संसद में वित्त (नंबर 2) विधेयक- 2024, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2024, बॉयलर बिल-2024, भारतीय वायुयान विधायक- 2024, कॉफ़ी (संवर्धन और विकास) विधेयक- 2024 और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक- 2024 सहित 6 विधेयकों को पेश कर पारित करवाने का प्रयास करेगी।
इसके साथ ही 3 वित्तीय विषय- केंद्रीय बजट, 2024-25 पर सामान्य चर्चा, वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा एवं मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित करवाने के साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान और संबंधित विनियोग विधेयक का परिचय, विचार और पारित करवाना भी सरकार के एजेंडे में हैं।