बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों व इंटरसेप्टर नौकाओं के लिए उन्नत प्रणाली की खरीद को मंजूरी

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बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों व इंटरसेप्टर नौकाओं के लिए उन्नत प्रणाली की खरीद को मंजूरी
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रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना और भारतीय तटरक्षक बल की क्षमता में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके अंतर्गत भारतीय सेना के बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों को बेहतर किया जाएगा। दूसरी ओर तटरक्षक बलों की इंटरसेप्टर नौकाओं के लिए भी आधुनिक प्रणाली की खरीद को मंजूरी दी गई है। यह निर्णय सोमवार को हुई एक बैठक में लिए गए। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को हुई। दिल्ली में हुई इस बैठक में विभिन्न पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों पर विचार किया गया। बैठक में भारतीय सेना के बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों (एएफवी) के लिए उन्नत भूमि नौवहन प्रणाली (एएलएनएस) की खरीद के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की गई है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि उच्च स्तर के एन्क्रिप्शन के साथ यह प्रणाली स्पूफ-प्रूफ है। एएलएनएस एमके-ढ्ढढ्ढ रक्षा श्रृंखला मानचित्रों के साथ अनुकूलता प्रदान करता है। इसके परिणामस्वरूप एएफवी के लिए नौवहन संबंधी अनुप्रयोगों में बहुत अधिक सटीकता होती है। यह उपकरण चेन्नई स्थित भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से खरीदा जाएगा। यह भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित (आईडीडीएम) श्रेणी के तहत खरीदा जाएगा।

एएलएनएस एमके-ढ्ढढ्ढ जीपीएस और ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएलओएनएएसएस) से लैस है। इसके अलावा भारतीय समूह (आईआरएनएसएस, एनएवीआईसी), भारत का उपयोग करके भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली, नेविगेशन के साथ संगत है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय तट रक्षक की क्षमताओं को बढ़ाने हेतु भी पहल की गई है। इसके अंतर्गत डीएसी ने समुद्री सीमा में त्वरित अवरोधन और उथले पानी में संचालन में सक्षम नवीनतम अत्याधुनिक प्रणाली के साथ 22 इंटरसेप्टर नौकाओं की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया। इन नौकाओं का उपयोग चिकित्सा संबंधी निकासी सहित तटीय निगरानी एवं गश्त, खोज एवं बचाव कार्यों के लिए किया जाएगा।

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