भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन..., लोकसभा में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

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भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन..., लोकसभा में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में कहा कि, पाकिस्तान के साथ व्यापार और वाणिज्य में व्यवधान 2019 में पाकिस्तान सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के कारण हुआ. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि भारत किसी भी अन्य पड़ोसी की तरह पाकिस्तान के साथ भी अच्छे संबंध रखना चाहेगा, लेकिन ये संबंध आतंकवाद से मुक्त होने चाहिए.

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह पाकिस्तानी पक्ष को दिखाना है कि वे अतीत के व्यवहार को बदल रहे हैं, और यदि वे निश्चित रूप से ऐसा नहीं करते हैं, तो रिश्ते और उनके लिए निहितार्थ होंगे. गेंद पूरी तरह से पाकिस्तान के पाले में है. ये बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार के बारे में एक प्रश्न का उत्तर दिया. वहीं पाकिस्तान के साथ व्यापार और वाणिज्य में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि जो कुछ व्यवधान हुए वे 2019 में पाकिस्तान सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के कारण हुए हैं.

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिस पर उन्होंने पहल की है और भारत का इस पर अज्ञेयवादी रुख है. वहीं लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नेपाल के बारे में पूछा, जिसने कथित तौर पर भारतीय क्षेत्रों को अपनी मुद्रा पर मुद्रित किया है, और म्यांमार से भारत में दवाओं के प्रवेश को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

उन्होंने बांग्लादेश के विकास के लिए भारत की 10 अरब अमेरिकी डॉलर की प्रतिबद्धता के बारे में भी जानकारी ली और वहां हिंदुओं और मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब दिया कि जहां तक नेपाल का मामला है, उसकी सीमाओं को लेकर भारत की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है. अगर हमारे किसी पड़ोसी को यह उम्मीद है कि कुछ करने से वह भारत को अपनी स्थिति बदलने पर मजबूर कर देगा, तो उन्हें यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि ऐसा नहीं है.

म्यांमार से भारत में प्रवेश करने वाली दवाओं को पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वहां की अशांत स्थितियों के कारण, भारत को खुली शासन नीति की समीक्षा करनी पड़ी, जो ऐतिहासिक रूप से चली आ रही है. हालांकि, भारत सीमावर्ती समुदायों के प्रति संवेदनशील है, इसलिए सरकार इस पर काम कर रही है.

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