पीएम मोदी ने संविधान पर बहस में विपक्ष को दिया करारा जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में संविधान पर हुई चर्चा के दौरान विपक्ष, खासकर कांग्रेस, को जोरदार जवाब दिया। विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में संविधान पर हुई चर्चा के दौरान विपक्ष, खासकर कांग्रेस, को जोरदार जवाब दिया। विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में संविधान पर हुई चर्चा के दौरान विपक्ष, खासकर कांग्रेस, को जोरदार जवाब दिया। विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए पीएम मोदी ने संविधान की असल भावना पर आधारित अपनी सरकार के कामों को प्रस्तुत किया और कांग्रेस के ऐतिहासिक कृत्यों को उजागर किया।
लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने यह आरोप लगाया था कि अगर बीजेपी सत्ता में रही तो संविधान में संशोधन कर दलितों का आरक्षण समाप्त किया जाएगा। इसीलिए, उत्साहित विपक्ष और ख़ासतौर से कांग्रेस ने संविधान पर संसद में चर्चा की मांग की थी। विपक्ष ने मोदी सरकार पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया था लेकिन पीएम मोदी ने विपक्ष को तथ्यों और तर्कों के साथ करारा जवाब दिया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने "वन नेशन, वन संविधान" के सिद्धांत पर काम करते हुए अनुच्छेद 370 को हटाया, जो भारत की एकता में दीवार बना हुआ था। उन्होंने जनधन योजना, वन नेशन-वन राशन कार्ड और "स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन" जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे उनकी सरकार ने देश की समानता और विकास को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने डिजिटल क्रांति, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने जैसे बड़े कार्यों की भी जानकारी दी।
कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के साथ खिलवाड़ करने का काम कांग्रेस का रहा है। उन्होंने 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लागू की गई आपातकाल की कड़ी आलोचना की और कहा कि उस समय संविधान का अपमान किया गया था। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कैसे कांग्रेस ने कई बार संविधान में संशोधन कर उसे अपनी राजनीतिक जरूरतों के हिसाब से बदलने का काम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, कांग्रेस ने संविधान की आत्मा को बार-बार आहत किया और इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि 55 साल तक एक ही परिवार ने देश पर शासन किया और संविधान को अपनी इच्छाओं के अनुरूप ढाला।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष से यह भी कहा कि संविधान की बात करने से पहले उसे सम्मान देना चाहिए, न कि राजनीतिक फायदे के लिए उसका इस्तेमाल करना चाहिए। पीएम मोदी ने संसद में 11 संकल्पों की घोषणा की, जिसमें संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा, भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहनशीलता और राजनीति में परिवारवाद का अंत करने की बात की।
प्रधानमंत्री ने यह साफ किया कि उनकी सरकार संविधान के अनुरूप काम करती रही है और आने वाले समय में भी यही नीति जारी रहेगी।