क्‍वाड हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता, प्रगति और समृद्धि के लिए एक महत्‍वपूर्ण शक्ति के रूप में खड़ा है: विदेश मंत्री डॉक्‍टर सुब्रमण्‍यम जयशंकर

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क्‍वाड हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता, प्रगति और समृद्धि के लिए एक महत्‍वपूर्ण शक्ति के रूप में खड़ा है: विदेश मंत्री डॉक्‍टर सुब्रमण्‍यम जयशंकर
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विदेश मंत्री डॉक्‍टर सुब्रमण्‍यम जयशंकर ने कहा कि क्‍वाड हिन्‍द- प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता, प्रगति और समृद्धि के लिए एक महत्‍वपूर्ण शक्ति के रूप में खड़ा है। एक सोशल मीडिया पोस्‍ट में डॉ. जयशंकर ने जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, ऑस्‍ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग और अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ मिलकर इस क्षेत्र की आवश्‍यकता पूरी करने की वचनबद्धता दोहराई।

क्‍वाड की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर क्‍वाड के विदेश मंत्रियों के एक संयुक्‍त वक्‍तव्‍य में कहा गया है कि आपदा से निपटने की आपातकालीन व्‍यवस्‍था का कार्य अब एक पूर्ण साझेदारी में परिवर्तित हो चुका है। वक्‍तव्‍य में कहा गया है कि क्‍वाड के देश अब हिन्‍द-प्रशांत के साझेदारों के साथ एकजुट होकर काम करेंगे। क्‍वाड के देश जलवायु परिवर्तन, कैंसर और महामारियों के साथ लड़ने से लेकर गुणवत्‍तापूर्ण अवसंरचना, आतंकवाद से निपटने के प्रयासों और साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने जैसी जटिल चुनौतियों पर ध्‍यान केंद्रित कर रहे हैं।

वक्‍तव्‍य में कहा गया है कि चारों देशों ने सुनामी से प्रभावित लाखों लोगों की मदद के लिए हिन्‍द-प्रशांत क्षेत्र में चालीस हजार से अधिक आपातकालीन सहायता दल और अन्‍य सहयोगियों का योगदान किया। क्‍वाड के देश भविष्‍य की आवश्‍यकताओं के प्रति जिम्‍मेदारी को पूरी करने के लिए एकजुट होकर काम करने के प्रति वचनबद्ध है।

क्‍वाड, ऑस्‍ट्रेलिया, भारत, जापान और अमरीका का एक समूह है। इस समूह ने 2004 में हिन्‍द महासागर में भूकंप और सुनामी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए एक साथ मिलकर सहायता प्रदान की थी।

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