प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने देश के विकास में मध्‍यम वर्ग की भूमिका की सराहना की

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने देश के विकास में मध्‍यम वर्ग की भूमिका की सराहना की
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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने देश के विकास में मध्‍यम वर्ग की भूमिका की सराहना की है और कहा है कि उनकी आकांक्षाए राष्‍ट्र की प्रगति को गति दे रही हैं। कल राज्‍यसभा में राष्‍ट्रपति के धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने मध्‍यम वर्ग को अधिक धन देकर सशक्‍त बनाने के सरकार के फैसले का उल्‍लेख किया। श्री मोदी ने कहा कि देश में एक नया मध्‍यम वर्ग उभरा है और उनकी सरकार इस नए वर्ग के साथ मजबूत प्रतिबद्धताओं के साथ खड़ी है। उन्‍होंने कहा कि 25 करोड़ जनता गरीबी से बाहर आ गई है जो उनके लिए गर्व की बात है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा के नेतृव में एनडीए सरकार के विकास का मॉडल राष्‍ट्र प्रथम है जो तुष्टिकरण की बजाए संतुष्टिकरण पर केंद्रित है। श्री मोदी ने कहा कि लोगों ने इस मॉडल की जांच की है, समझा है तथा समर्थन दिया है और इसीलिए सरकार को तीसरी बार जनादेश प्रदान किया है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों की भलाई के लिए संसाधनों का पूरा उपयोग करना और वंचित समुदायों के अधिकारों को सुरक्षित रखना सरकार की प्रतिबद्धता है। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हितों को संरक्षण प्रदान करने के लिए उनसे संबंधित कानूनों को मजबूत किया है। श्री मोदी ने दिव्‍यांगजनों के कल्‍याण के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में भी बात की।


कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ सबका विकास का मॉडल कांग्रेस के समझ से परे है क्‍योंकि पूरी पार्टी ही केवल एक परिवार के लिए समर्पित है। उन्‍होंने कांग्रेस पर धोखाधड़ी, तुष्टिकरण और भाई-भतीजावाद का मॉडल अपनाने का आरोप लगाया। श्री मोदी ने कांग्रेस सरकार की आर्थिक नीतियों और लाइसेंस कोटा राज को लेकर भी कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि इससे देश की आर्थिक प्रगति और विकास पर असर पड़ा तथा भ्रष्‍टाचार को बढ़ावा मिला। उन्‍होंने देश में आपातकाल लागू करने के लिए कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया।

प्रधानमंत्री ने अपनी समापन टिप्‍पणी में कहा कि राष्‍ट्रपति का अभिभाषण देश की उपलब्धियों, भारत से विश्‍व की उम्‍मीदों, देश की आम जनता के आत्‍मविश्‍वास और विकसित भारत के संकल्‍प का विस्‍तृत ब्‍यौरा था।

प्रधानमंत्री के जवाब के बाद राज्‍यसभा में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पारित हो गया और कई विपक्षी सांसदों के संशोधनों को ध्‍वनिमत से खारिज कर दिया।

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