प्रधानमंत्री मोदी ने टीबी उन्‍मूलन के लिए प्रभावी रणनीतियों पर दिया जोर

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प्रधानमंत्री मोदी ने टीबी उन्‍मूलन के लिए प्रभावी रणनीतियों पर दिया जोर
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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने टीबी उन्‍मूलन को लेकर भारत की प्रतिबद्धता स्‍पष्‍ट करते हुए प्रभावी रणनीतियों पर बल दिया है। उन्‍होंने टीबी की शीघ्र पहचान और सफल उपचार की दिशा में पिछले वर्ष हुई प्रगति की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कल राष्‍ट्रीय टीबी उन्‍मूलन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए अधिक संक्रमण वाले जिलों में हाल में संपन्‍न 100 दिन के टीबी मुक्‍त भारत अभियान की भी समीक्षा की।


इस अभियान के दौरान संक्रमण की आशंका वाले लगभग 13 करोड़ लोगों की जांच की गई जिनमें 7 लाख 19 हजार लोगों में संक्रमण की प‍ुष्टि हुई, जिनमें दो लाख 85 हजार लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं थे। एक लाख से अधिक नए निक्षय मित्र इस अभियान में शामिल हुए। यह जनभागीदारी का उत्‍कृष्‍ट प्रमाण है।



बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने शहरी या ग्रामीण क्षेत्र तथा व्‍यवसाय के आधार पर क्षयरोग रूझान के विश्‍लेषण पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि इससे शीघ्र परीक्षण और उपचार की आवश्यकता वाले लोगों की पहचान में मदद मिलेगी। विशेषकर विनिर्माण, खनन, कपड़ा मिलों और समान व्‍यवसायों से जुड़े कामगारों में तपेदिक संक्रमण की पहचान हो सकेगी। प्रधानमंत्री ने तपेदिक उन्‍मूलन के लिए जनभागीदारी के माध्‍यम से स्‍वच्‍छता पर बल दिया।

बैठक में प्रधानमंत्री ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2024 के निष्‍कर्षों का भी उल्‍लेख किया। रिपोर्ट के अनुसार टीबी में 18 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। वर्ष 2015 से 2023 के दौरान प्रति लाख आबादी में टी बी संक्रमितों की संख्‍या 237 से कम होकर 195 हो गई है।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।

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