चिकित्सा सेवा है मानवता की सबसे बड़ी सेवा: राष्ट्रपति मुर्मु

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चिकित्सा सेवा है मानवता की सबसे बड़ी सेवा: राष्ट्रपति मुर्मु
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एम्स गोरखपुर में सोमवार को पहले दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मेडिकल छात्रों को डॉक्टर बनने की बधाई दी और सेवा धर्म निभाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि एम्स ने चिकित्सा के क्षेत्र में हमेशा उच्च मानक स्थापित किए हैं। गुणवत्तापूर्ण इलाज की बदौलत अब विदेशों से भी लोग यहां उपचार के लिए आते हैं। यह संस्थान मानवता की सेवा का प्रतीक बन गया है।

राष्ट्रपति ने युवाओं से आग्रह किया कि वे उन क्षेत्रों में सेवा करें, जहां स्वास्थ्य सेवाएं दुर्लभ हैं। उन्होंने कहा कि देश के कई ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में अब भी गुणवत्तापूर्ण इलाज की भारी कमी बनी हुई है, जिस पर ध्यान देना जरूरी है।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि डॉक्टर बनना केवल पेशा नहीं, बल्कि यह 24 घंटे मानवता की सेवा का कार्य है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के कार्यों से समाज प्रेरित होता है, इसलिए संवेदनशीलता और समर्पण से दायित्व निभाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने बताया कि एम्स देश की चिकित्सा क्षमता का प्रतीक है। यह संस्थान चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में लगातार नए मानक स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि सर्जरी की नई तकनीक, शीघ्र निदान के उपकरण और आयुष-एलोपैथी के समन्वय से इलाज जैसे नवाचार एम्स की पहचान बन चुके हैं। यह संस्थान सभी वर्गों को सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा है।

एम्स गोरखपुर के बारे में उन्होंने कहा कि यह पूर्वांचल, बिहार और नेपाल से सटे क्षेत्रों के लोगों के लिए उत्कृष्ट चिकित्सा देखभाल का केंद्र बनता जा रहा है। इसकी सेवाओं का लाभ सीमावर्ती इलाकों को भी मिल रहा है।

इस कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर अब केवल धार्मिक नहीं, बल्कि शैक्षिक और चिकित्सा क्षेत्र में भी अग्रणी हो गया है। गोरखनाथ की परंपरा से प्रेरित यह शहर अब आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र बन चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हालात अब बदल चुके हैं और एम्स गोरखपुर पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल के लोगों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। यह पूर्वांचल के लिए गौरव की बात है।

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