पितृपक्ष की - पूर्व रात्रि में लगेगा चंद्रग्रहण होगा दृश्यमान ...
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार --- देश में पहला और आखिरी ग्रहण जो दृश्यमान होगा पितृपक्ष की पूर्व रात्रि में लगेगा | भारतीय मानक समय अनुसार...


ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार --- देश में पहला और आखिरी ग्रहण जो दृश्यमान होगा पितृपक्ष की पूर्व रात्रि में लगेगा | भारतीय मानक समय अनुसार...
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार --- देश में पहला और आखिरी ग्रहण जो दृश्यमान होगा पितृपक्ष की पूर्व रात्रि में लगेगा | भारतीय मानक समय अनुसार सात सितंबर को चंद्र ग्रहण का आरंभ रात 9.57 बजे, मध्य रात्रि 11.41 बजे और मोक्ष रात्रि 1.27 बजे होगा। ग्रहण का स्पर्श, मध्य, मोक्ष संपूर्ण देश में दृश्य भी होगा। यह ग्रहण शतभिषा नक्षत्र तथा कुंभ राशि पर होगा।
शास्त्रीय नियमानुसार चंद्रग्रहण से नौ घंटे पूर्व दिन में 1.57 बजे लग सूतक लग जाएगा |देश में साल का पहला और आखिरी चंद्रग्रहण भाद्रपद मास की पूर्णिमा में सात सितंबर रविवार को पितृपक्ष की - पूर्व रात्रि में दृश्य होगा। इससे पहले भारत में खग्रास चंद्रग्रहण आश्विन पूर्णिमा 28 अक्टूबर, 2023 को देखा गया था। 2024 में देश में कोई ग्रहण नहीं दिखा। अतः लंबे अंतरात्न के बाद भारत में चंद्रग्रहण देखा जाएगा, जो स्पर्श से लेकर मोक्ष तक संपूर्ण भारत में देखा जाएगा।
वहीं, सर्व पैत्री अमावस्या (पितृ विसर्जन) पर 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो भारत में दृश्य नहीं होगा। शास्त्रीय विधान अनुसार यहां दृश्यमान न होने से इसका यहां कोई प्रभाव नहीं होगा।
हिंद महासागर, पूर्वी अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका, एशिया, आस्ट्रेलिया, यूरोप आदि में इसे देखा जा सकेगा। ग्रहण के सूतक काल के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि चंद्रग्रहण में ग्रहण से पूर्व नौ घंटे व सूर्यग्रहण में 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है। सूतक काल में बाल, वृद्ध, रोगी को छोड़ कर अन्य के लिए खानपान वर्जित बताया गया है। सात सितंबर को खग्रास चंद्रग्रहण से पूर्व दोपहर 1.57 बजे सूतक काल लग जाएगा। ग्रहण काल में शास्त्रीय वचन अनुसार भोजन निवृत्ति के साथ धार्मिक कृत्य श्राद्ध, दान आदि करना चाहिए।