रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्यों का दौरा किया

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्यों का दौरा किया
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्यों का दौरा किया केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज अहमदाबाद के साबरमती में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना के मुख्य निर्माण स्थलों का दौरा किया।




मंत्री ने साबरमती हाई स्पीड रेल (एचएसआर) स्टेशन, एचएसआर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और रोलिंग स्टॉक डिपो में चल रहे कार्यों की समीक्षा की।




साबरमती एचएसआर स्टेशन: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का यह टर्मिनल स्टेशन साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी के चरखे से प्रेरित है। यह स्टेशन 45,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। रेल मंत्री ने बुलेट ट्रेन के टर्मिनल स्टेशन का दौरा किया। भूतल, प्रथम तल, द्वितीय तल (बुलेट ट्रेन यात्रियों के लिए रूफ प्लाजा) और प्लेटफार्म तल का संरचनात्मक कार्य पूरा हो चुका है। यानी ट्रैक तल तक का संरचनात्मक कार्य पूरा हो चुका है।

आंतरिक और एमईपी कार्य प्रगति पर हैं। स्टेशन विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएँ प्रदान करेगा - प्रतीक्षालय, विश्राम कक्ष, नर्सरी, खुदरा और वाणिज्यिक स्थान - और यह मौजूदा रेलवे, मेट्रो और बीआरटीएस नेटवर्क से आसानी से जुड़ा होगा। साबरमती एचएसआर मल्टीमॉडल हब: इसे एक अत्याधुनिक सुविधा के रूप में डिज़ाइन किया गया है जो एचएसआर स्टेशन, साबरमती रेलवे स्टेशन, मेट्रो और बीआरटीएस के बीच सुगम संपर्क सुनिश्चित करता है। हब भवन का सारा काम पूरा हो चुका है। साबरमती टर्मिनल स्टेशन से मेट्रो, बीआरटीएस, मेट्रो और बुलेट ट्रेन के लिए 10 मीटर के स्काई वॉक के माध्यम से संपर्क भी पूरा हो चुका है। भवन की सामने की दीवार पर दांडी मार्च का एक स्टेनलेस स्टील का भित्तिचित्र है, जो साबरमती की ऐतिहासिक विरासत को श्रद्धांजलि देता है। इस हब में कार्यालय स्थान, होटल सुविधाएँ और खुदरा दुकानें व रेस्टोरेंट जैसी यात्री सुविधाएँ शामिल हैं।

इसमें लगभग 1,200 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा है। हब में सौर पैनल, भू-दृश्य वाले टेरेस और ऊर्जा-कुशल प्रणालियों सहित व्यापक हरित अवसंरचना भी है। साबरमती एचएसआर रोलिंग स्टॉक डिपो: यह परियोजना के तहत बनाए जा रहे तीन डिपो में सबसे बड़ा है। यह हब 84 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह हब निरीक्षण, स्टेबलिंग और वर्कशॉप लाइनों के साथ-साथ ट्रेनसेट के हल्के और भारी रखरखाव का काम करेगा। प्रशासनिक भवन, निरीक्षण शेड और उपयोगिताओं व पटरियों के लिए बुनियादी ढाँचे का निर्माण तेज़ी से चल रहा है।

यह डिपो पर्यावरणीय स्थिरता मानदंडों का पालन करेगा। इसमें वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा प्रावधान और शून्य द्रव निर्वहन शुद्धिकरण प्रणालियाँ होंगी। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति: 508 किलोमीटर में से, 325 किलोमीटर वायडक्ट और 400 किलोमीटर पियर का काम पूरा हो चुका है। 17 नदी पुल, 5 पीएससी पुल और 10 स्टील पुल भी पूरे हो चुके हैं। 216 किलोमीटर ट्रैक बिछाया जा चुका है।

ट्रैक पर 4 लाख से ज़्यादा ध्वनि अवरोधक लगाए गए हैं। गुजरात के सभी स्टेशनों पर काम अंतिम चरण में है। मुंबई अंडरग्राउंड सेक्शन पर तेज़ी से प्रगति हो रही है। रेल मंत्री ने कार्य की गति की सराहना की और ज़ोर देकर कहा कि परियोजना समय पर पूरी होने की राह पर है। उन्होंने कहा कि देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचे और '2047 में विकसित भारत' के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है।


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