रक्षा मंत्री ने 'नौसेना कमांडरों के सम्मेलन' को किया संबोधित
रक्षा मंत्री ने 'नौसेना कमांडरों के सम्मेलन' को किया संबोधित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को नई दिल्ली में नौसेना कमांडरों के सम्मेलन को...

रक्षा मंत्री ने 'नौसेना कमांडरों के सम्मेलन' को किया संबोधित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को नई दिल्ली में नौसेना कमांडरों के सम्मेलन को...
रक्षा मंत्री ने 'नौसेना कमांडरों के सम्मेलन' को किया संबोधित
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को नई दिल्ली में नौसेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रतीक था और दुनिया के लिए एक संदेश था कि हम हर चुनौती का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार हैं।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को बंदरगाह या उसकी तटरेखा के पास ही रहने के लिए मजबूर करने वाली निवारक रुख अपनाने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विश्व ने इस ऑपरेशन के दौरान नौसेना की परिचालन तत्परता, पेशेवर क्षमता और ताकत देखी।
उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारतीय नौसेना की उपस्थिति को "मित्र देशों के लिए सुकून" और "क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों के लिए बेचैनी" का विषय बताया।
आत्मनिर्भर नौसेना को एक आत्मविश्वासी और शक्तिशाली राष्ट्र की नींव बताते हुए रक्षा मंत्री ने स्वदेशी उपकरणों के माध्यम से अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत के ध्वजवाहक के रूप में उभरने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में नौसेना के लगभग 67 प्रतिशत पूंजी अधिग्रहण अनुबंध भारतीय उद्योगों के साथ हुए हैं। इससे साबित होता है कि अब हम केवल आयात पर निर्भर नहीं हैं।
रक्षा मंत्री ने तेज़ी से बदलती दुनिया के साथ तालमेल बिठाते हुए नौसेना की रणनीति और अत्याधुनिक उपकरण हासिल करने पर समान रूप से जोर दिया।





