PM मोदी ने की तिमोर-लेस्ते, मोजाम्बिक के नेताओं से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति डॉ. जोस रामोस होर्ता और मोजाम्बिक गणराज्य के राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्यूसी से...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति डॉ. जोस रामोस होर्ता और मोजाम्बिक गणराज्य के राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्यूसी से...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति डॉ. जोस रामोस होर्ता और मोजाम्बिक गणराज्य के राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्यूसी से मुलाकात की। दोनों नेता यहां गांधीनगर के महात्मा मंदिर परिसर में आयोजित 10वें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा पर आये हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार मोदी ने होर्ता और उनके प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। तिमोर लेस्ते के शासन प्रमुख की भारत की यह पहली द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा है। प्रधानमंत्री ने एक जीवंत “दिल्ली-दिली” संपर्क बनाने की भारत की प्रतिबद्धता फिर से दोहरायी।
मोदी ने सितंबर 2023 में तिमोर लेस्ते में भारतीय मिशन खोलने की घोषणा की थी। उन्होंने क्षमता निर्माण, मानव संसाधन विकास में तिमोर-लेस्ते को सहायता की पेशकश की। पारंपरिक चिकित्सा और फार्मा सहित आईटी, फिनटेक, ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा। उन्होंने तिमोर-लेस्ते को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के गठबंधन (सीडीआरआई) में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री ने तिमोर-लेस्ते को अपने 11वें सदस्य के रूप में स्वीकार करने के आसियान के सैद्धांतिक निर्णय के लिए होर्ता को बधाई दी और जल्द ही पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने की आशा व्यक्त की। होर्ता ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने के निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत से अपनी विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने में, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा और आईटी में क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में समर्थन मांगा।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय मुद्दों और विकास पर भी चर्चा की।राष्ट्रपति होर्ता ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया। नेताओं ने बहुपक्षीय क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के दो संस्करणों में तिमोर-लेस्ते की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। वे इस बात पर सहमत हुए कि ग्लोबल साउथ के देशों को वैश्विक मुद्दों पर अपनी स्थिति में तालमेल बिठाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भारत और तिमोर-लेस्ते के बीच द्विपक्षीय संबंध लोकतंत्र और बहुलता के साझा मूल्यों पर आधारित हैं। भारत 2002 में तिमोर-लेस्ते के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।
प्रधानमंत्री की दूसरी द्विपक्षीय मुलाकात राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्यूसी से हुई जिसमें मोदी ने मोज़ाम्बिक की विकास प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेताओं ने रक्षा, आतंकवाद विरोधी, ऊर्जा, स्वास्थ्य, व्यापार और निवेश, कृषि, जल सुरक्षा, खनन, क्षमता निर्माण और समुद्री सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर सार्थक चर्चा की। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि दोनों देश व्यापार, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए हवाई संपर्क बढ़ाने पर काम कर सकते हैं।
न्यूसी ने अफ्रीकी संघ (एयू) को जी-20 में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष जनवरी और नवंबर में वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट में न्यूसी की भागीदारी की सराहना की। न्यूसी ने विभिन्न विकास परियोजनाओं और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में समर्थन के लिए भारत को धन्यवाद दिया। दोनों नेता संपर्क में बने रहने और दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय राजनीतिक संपर्कों की गति बनाए रखने पर सहमत हुए।