निरंतर बढती संघ शक्ति...
बचपन एक्सप्रेस अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय संगठन सचिव सुनील अम्बेकर ने अपनी किताब आर एस एस एंड इट्स रोड मैप टू ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी...
बचपन एक्सप्रेस अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय संगठन सचिव सुनील अम्बेकर ने अपनी किताब आर एस एस एंड इट्स रोड मैप टू ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी...
बचपन एक्सप्रेस
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय संगठन सचिव सुनील अम्बेकर ने अपनी किताब आर एस एस एंड इट्स रोड मैप टू ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी में विस्तार से इस संगठन के गठन और विकास को गहराई से बताने की कोशिश की है | वैसे तो संघ की स्थापना १९२५ में विजयादशमी के दिन डॉक्टर हेडगेवार ने की और महात्मा गाँधी की हत्या में जिस तरह से उस समय की सरकार ने संघ को दोषी ठहराने का प्रयास किया उससे इस संगठन के विकास में विराम लगा था |
पर संघ के कर्मठ कार्यकर्ताओ ने अपने संघर्ष और बेजोड़ संगठनात्मक कला से इस संगठन को आज विश्व में एक ताकत के रूप में खड़ा कर दिया है | हालाकि आरोप हर संगठन पर लगा करते थे पर शायद अपने उपर लगातार लगने वाले आरोप के कारण संघ को यह भय था की कोई भी सरकार उसकी बढती ताकत के कारण उस पर प्रतिबन्ध लगा सकती है |
इस क्रम में लगातार कई नाम से अनेको आयाम खड़े हो गए और लोग जहा पहले संघ का नाम लेते थे अब वह इन संगठनों ने समाज के विभिन्न हिस्सों में अपनी पैठ बना ली | आज हम एक ऐसे दो राहे पर खड़े है जहा से हमे एक ऐसे भारत का चुनाव करना है जिसमे या तो संघ नहीं है या संघ है | ऐसी स्थिति में जनता की ताकत ही इस लोकतंत्र में इस बात को पूरी तरह से स्थापित कर सकता है की क्या बिना संघ या संघ के साथ चलना है |
वैसे तो इस तरह के संगठन पुरे विश्व में खड़े करने के प्रयास किये गए पर खड़ा नही हो पाए | उसका कारण उनमे सेवा से ज्यादा सत्ता के करीब रहने का प्रयास था | आज संघ अगर मजबूती से खड़ा है तो उसके पीछे लोकसेवा का भाव है | नेता जितना भी कहे जनता जानती है कि इस संगठन ने समाज में समरसता लाने का प्रयास किया है | पूर्ण कोई भी नहीं है | हर समाज में अच्छे और बुरे लोग है पर जो ज्यादा हो उसको अपनाना चाहिए |
हर मुसीबत के समय समाज में खड़े इस संगठन को इसकी अच्छाई के लिए स्वीकार किया जाना चाहिए और आप माने य न माने जनता ने इसे अपना लिया है |