पाकिस्तानः जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में कोर्ट का बयान - 18 साल से ज़्यादा है लड़कियों की उम्

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पाकिस्तानः जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में कोर्ट का बयान - 18 साल से ज़्यादा है लड़कियों की उम्

  • पिता ने लगाया था आरोप बन्दुक के जोर पर अगवा किया था मेरी बेटियों को
  • कोर्ट ने दी दोनों लड़कियों को अपने पति के साथ रहने की इजाजत
  • जज ने कहा आयोग सिन्द्ग से ऎसी घटनाएं सामने आती आती रहती है,, जहां लड़कियाँ मुस्लिम लडकको से शादी करती है।

पिछले दिनों आये इस मुद्दे ने अंतराष्ट्रीय मुद्दा बना दिया था , जिसमे धर्म परिवर्तन के नाम पर पाकिस्तान की काफी आलोचना हई थी लेकिन पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने दो हिंदू लड़कियों रीना और रवीना को उनके पतियों के साथ जाने की इजाज़त दे दी है.

कोर्ट ने कहा है कि इन लड़कियों की उम्र 18 साल से ऊपर है, साथ ही उनके जबरन धर्मांतरण को लेकर कोई पुख़्ता सबूत नहीं हैं.

पिछली सुनवाई के बाद कोर्ट ने एक इस मामले की जांच के लिए पूछताछ आयोग का गठन किया था.

पिता ने लगाया था अगवा कर शादी का आरोप

रीना और रवीना के पिता हरी लाल ने आरोप लगाया था कि उनकी बोटियों को बंदूक़ के ज़ोर पर अग़वा कर लिया गया था.

लड़की के पिता का कहना है कि उनकी दोनों बेटियां नाबालिग़ हैं जिनकी उम्र 13 और 15 साल है.
कोर्ट ने कहा -

जबरन धर्मांतरण की बात को ख़ारिज करते हुए जज ने कहा कि आयोग सिंध के देरखी इलाके में ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं.

जहां लड़कियां अपना घर छोड़कर मुस्लिम लड़के से शादी करती हैं. हम ऐसी लड़कियों को संस्थागत सुविधा भी देते हैं. हालांकि ये संस्थागत सुविधाएं सरकारी एजेंसियों की ओर से नहीं दी जाती हैं.

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