भारत बंद के समर्थन को लेकर कांग्रेस पर बीजेपी का वार कहा- अस्तित्व बचाने के लिए शामिल होती है कांग्रेस
लगातार कृषि कानून पर हो रहे प्रदर्शन में सियासत गर्मजोशी पर बढ़ चुकी है। आरोप और प्रत्यारोप के का माहौल लगातार बना हुआ है। केंद्र सरकार के खिलाफ किसान...


लगातार कृषि कानून पर हो रहे प्रदर्शन में सियासत गर्मजोशी पर बढ़ चुकी है। आरोप और प्रत्यारोप के का माहौल लगातार बना हुआ है। केंद्र सरकार के खिलाफ किसान...
लगातार कृषि कानून पर हो रहे प्रदर्शन में सियासत गर्मजोशी पर बढ़ चुकी है। आरोप और प्रत्यारोप के का माहौल लगातार बना हुआ है। केंद्र सरकार के खिलाफ किसान जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वही राजनीति में भी आरोपों की बौछार की जा रही है।
आपको बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर बीजेपी ने सोमवार को कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों पर जमकर वार किया।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस हमेशा अपना अस्तित्व बचाने के लिए आंदोलन में शामिल होती है। आपको बता दें कि किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है, जिसका समर्थन दिल्ली राज्य सरकार आम आदमी पार्टी तथा महाराष्ट्र सरकार महागठबंधन व अन्य कई राज्यों ने किया है। वहीं कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सोमवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, "आज जब कांग्रेस का राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है। तथा उन्हें बार बार चुनाव में हार मिल रही है। फिर चाहे लोकसभा हो, विधानसभा हो या नगर निगम चुनाव। या अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाती हैं।"
अपने संवाद को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि किसानों से संबंधित सुधारों को लेकर जो कानून बने हैं, उनको लेकर कुछ किसान संगठनों ने जो शंका उठाई है, इसके लिए सरकार उन से चर्चा कर रही है। लेकिन अचानक तमाम विपक्षी और गैर भाजपाई दल कूद पड़े।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन यह सभी कूद रहे हैं। क्योंकि ने भाजपा और नरेंद्र मोदी की विरोध करने का एक और मौका मिला है।
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2019 के चुनाव में अपने चुनावी घोषणा पत्र में साफ साफ कहा है कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त करेगी। और किसानों को अपनी फसल के निर्यात और व्यापार के सभी बंधनों से मुक्त करेगी।
शरद पवार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शरद पवार जब देश के कृषि एवं उपभोक्ता मंत्री से मिले थे तो उन्होंने देश के सारे मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने लिखा था कि मंडी एक्ट में बदलाव जरूरी है। प्राइवेट सेक्टर का आना जरूरी है तथा किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने का अवसर मिलना चाहिए।
बीजेपी की भूमिका को साफ करते हुए उन्होंने कहा कि आज जो हमने किया है, 8 से 9 साल पहले मनमोहन सिंह की सरकार वही काम कर रही थी। 2005 में शरद पवार बोल रहे थे। जिस समय सारणी पवार बोल रहे थे कि यदि आप बदलाव नहीं करोगे तो हम अपना वित्तीय समर्थन देना बंद कर देंगे। उस समय मनमोहन सिंह की सरकार का समर्थन सपा, आरजेडी, सीपीआई बाहर निकल कर रहे थे।
उन्होंने अपने संवाद को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब जब भाजपा वहीं कृषि कानून लेकर आई है तो सारे विपक्षियों ने अपना रंग क्यों बदल लिया। विपक्ष होना अच्छी बात है परंतु यदि बाद देश के किसानों की हो और आपको पता हो कि या बिल उनके लिए एक आजादी लेकर आएगा। मुझे लगता है कि तब आपको राजनीति छोड़ कर किसानों की भलाई सोचनी चाहिए।
नेहा शाह