पश्चिम बंगाल में जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले राज्यपाल ने गृहमंत्रालय को सौपी रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीते 10 दिसंबर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद कोलकाता से लेकर दिल्ली तक का...


पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीते 10 दिसंबर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद कोलकाता से लेकर दिल्ली तक का...
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीते 10 दिसंबर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद कोलकाता से लेकर दिल्ली तक का सियासी पारा गरम हो गया है। इस घटना को लेकर राज्यपाल जगदीप ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी है। इन्हीं सब मुद्दों पर राज्यपाल धनखड़ ने स्पष्ट किया कि वह किसी पार्टी का पक्ष नहीं रखते बल्कि संवैधानिक टायरों में रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि कल जो कुछ भी है वो एक तत्कालीन परिस्थिति थी। यह लोकतांत्रिक देश को धक्का पहुंचाने वाली घटना थी। इसी के साथ उन्होंने कहा कि मैंने राज्य के डीजीपी को सुबह 8:00 बजे ही अलर्ट किया था। इसके अलावा मैं वहां के मुख्य सचिव से भी संपर्क में था। उन्होंने कहा कि मैंने उनको 8 बजे के कार्यक्रम की जानकारी शेयर की थी। जिसके बाद मुझे 8:19 पर उनका वापस से मैसेज मिला।
बीजेपी का पक्ष रखने वाले टीएमसी के आरोपों पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि " वह कुछ भी कहते रहे, वह मुझे मेरे संवैधानिक कर्तव्य को पूरा करने से नहीं रोक सकते। मैं कौन हूं, मैं वहां भारत के संवैधानिक रक्षा के लिए हूं। ममता जी को संविधान का अनुसरण करना ही होगा। जब वे इसका अनुसरण नहीं करती तो मैं उस में पडता हूं। उन्होंने कहा कि मैं राज्य भवन में रबड़ स्टैंप बनकर नहीं रह सकता , खासकर तब जब डेमोक्रेसी निशाने पर हो।
आपको बता दें कि ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधते हुए राज्यपाल जगदीप ने कहा कि "क्या आपने ममता बनर्जी का वीडियो देखा है एक मुख्यमंत्री के पद पर वक्त किस तरह की भाषा का प्रयोग कर रही हैं। मुझे बंगाल से कई लोगों का फोन आया कि हमारी बंगाली संस्कृति बदनाम हो रही है। लोगों की बातों का मान रखते हो मैंने मुख्यमंत्री से अपील की थी कि वह वीडियो डिलीट कर दे क्योंकि वो बंगाली संस्कृति का अपमान है।
आप जो पोस्ट होल्ड करते हैं उसका अपमान है।
जिसके बाद ममता बनर्जी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि राज्य पुलिस और प्रशासन संकट से निपटने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें बदनाम कर रहे हैं। बात सिर्फ यही तक सीमित नहीं रही उन्होंने अपनी वार्ता में आगे कहा कि "कुछ लोग केवल पुलिस और प्रशासन पर दोषारोपण करने और उन्हें नीचा दिखाने में विश्वास रखते हैं। वे संकट के समय में कोविड-19 महामारी के बीच पुलिस के काम को भूल चुके हैं, कि कैसे उन्होंने अपने जीवन को दांव पर लगाकर अपनी ड्यूटी की। यदि आप किसी का तिरस्कार करते हैं तो आपके साथ भी जैसे को तैसा ही होता है।
आपको बता दें कि जेपी नड्डा की रैली में आपत्तिजनक हमले हुए जिसके बाद सियासी गर्मा गर्मी थमने का नाम नहीं ले रही है।
नेहा शाह