सत्ता पलटने के लिए एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह का निशाना कांग्रेस

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सत्ता पलटने के लिए एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह का निशाना कांग्रेस
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असम में आज कल अपनी सत्ता लाने के लिए ग्रहमंत्री अमितशाह असम दौरे पर गए थे। मार्च में होने वाली चुनाव घोषणा से पूर्व केंद्रीय नेतृत्व की सात आठ रैलियां कर दिशा तय कर लेना चाहती है। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के साथ इसकी शुरुआत हो गई। इस बार चुनाव में भाजपा अलगाववाद से लंबे समय तक ग्रस्त रहे असम में पिछले पांच साल में हुई शांति बहाली और विकास कार्यों के साथ-साथ अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ को मुद्दा बनाएगी। इसमें देने की बात है कि कांग्रेस ने असम में बदरूद्दीन अजमल के ऑल इंडिया यूनाटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ समझौता करने का एलान किया है। लगभग 33 फीसद मुस्लिम आबादी वाले असम के चुनाव में यह अहम साबित हो सकता है। जाहिर है इसे देखते हुए भाजपा भी हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश करेगी। यह भी याद रहे कि असम एनआरसी का केंद्र बिंदु था।

आगामी विधानसभा चुनाव के मुद्दे की ओर इशारा करते हुए शाह ने लोगों को बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या के प्रति आगाह किया। उनके अनुसार घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने की कोशिशें जारी हैं। इसके लिए केंद्र और असम दोनों जगहों पर भाजपा का सत्ता में रहना जरूरी है। वहीं अमित शाह ने युवाओं की मौत के लिए कांग्रेस जिम्‍मेदार ठेहराया है। शाह ने कहा कि कांग्रेस की साजिश के कारण ही हजारों युवाओं की जान चली गई। इन युवाओं की मौत के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में आठ अलगाववादी संगठनों ने हथियार डालकर शांति का रास्ता अपनाया है। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार की ओर से किए गए विकास कार्यों का विवरण भी दिया। शाह ने कहा कि बोडो समुदाय की संस्कृति, भाषा और उनके राजनीतिक अधिकारों को सुरक्षित रखा जाएगा।

अदिती गुप्ता

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