राजनीतिक विशेषज्ञों ने बताया बंगाल में चुनाव हारने के बाद भी बीजेपी एक मजबूत विपक्ष, मिलेगा उत्तर प्रदेश विधानसभा में फायदा....

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राजनीतिक विशेषज्ञों ने बताया बंगाल में चुनाव हारने के बाद भी बीजेपी एक मजबूत विपक्ष, मिलेगा उत्तर प्रदेश विधानसभा में फायदा....



देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा के नतीजे आने के बाद ही उत्तर प्रदेश में विश्वास सी हलचल तेज हो गई है क्योंकि 2022 में अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। विधानसभा चुनाव में बंगाल में परास्त होने के बाद विपक्ष भारतीय जनता पार्टी को लेकर लगातार उत्साहित होता जा रहा है और ऐसे में यूपी के क्षेत्रीय राजनीतिक गलियारे के नेताओं को भी लगने लगा है कि ममता बनर्जी की तरह वह भी भाजपा के लिए खतरे की घंटी बन सकते हैं।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नरेंद्र मोदी के खिलाफ विकल्प के रूप में दिखने लगी हैं। परंतु राजनीतिक गलियारे में एक प्रकार का डर भी बना हुआ है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को इससे पहले विधानसभा चुनाव में मात्र 3 सीटें मिली थी और आज वही पार्टी 80 सीटों के करीब पहुंच गई है। बंगाल भले ही बीजेपी की सत्ता के अंदर नहीं है परंतु ममता बनर्जी के सामने भारतीय जनता पार्टी अब एक कड़ा विपक्ष बनकर खड़ी है।

ममता बनर्जी के जीतने पर सबसे अधिक समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेता खुश हैं। इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने दो ममता बनर्जी के समर्थन में लोगों से वोट डालने की भी अपील की थी, जो किसी से छुपी नहीं है। आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने ममता बनर्जी को ट्वीट करके बधाई दी जिसमें उन्होंने कहा कि एक महिला पर अपमानजनक कटाक्ष दीदी ओ दीदी का जवाब जनता ने दिया है।

बताया जा रहा है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे भी अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव पर असर डालेंगे। गौरतलब है कि भाजपा ने पंचायत चुनाव में पहली बार अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारे थे। उत्तर प्रदेश की बात करें तो अगले वर्ष मार्च के मध्य से ही नहीं विधानसभा का गठन शुरु हो जाएगा तथा चुनावी प्रक्रिया फरवरी में ही शुरू कर दी जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस अलग-अलग यूपी विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे।

नेहा शाह

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