ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार और आईएस सेवानिवृत्ति आलापन बंद्योपाध्याय पर केंद्र सरकार ने जारी किया कारण बताओ नोटिस.....

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ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार और आईएस सेवानिवृत्ति आलापन बंद्योपाध्याय पर केंद्र सरकार ने जारी किया कारण बताओ नोटिस.....
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वित्तीय अधिकारी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई होने के पूरे आसार बन चुके हैं। बता दें कि आलापन बंद्योपाध्याय 31 मई को रिटायर हुए थे और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें 3 साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार घोषित किया, जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से आलापन को नोटिस जारी किया गया।

नोटिस जारी होने के बाद केंद्र और ममता सरकार के बीच लगातार विवाद हो रहे हैं जहां पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के सख्त प्रावधान के तहत आलापन बंद्योपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है यदि उचित कारण नहीं बताया जाता है, तो 2 साल तक की कैद भी निश्चित है।

केंद्र सरकार के इस कदम पर एक वकील जयंत नारायण चटर्जी का कहना है कि आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51-बी के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं मंगलवार को गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ममता बनर्जी द्वारा सोमवार को आलापन बनर्जी की सेवानिवृत्ति की घोषणा से कुछ घंटे पहले उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-बी के तहत नोटिस भेजा गया। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि आलापन से तीन दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।

आपको बता दें कि आलापन पश्चिम बंगाल का डर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी थे 60 वर्ष के होने पर सोमवार यानी 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन केंद्र ने उन्हें तीन महीने का कार्य विस्तार दिया था. इसके बाद, केंद्र ने एक आकस्मिक फैसले में 28 मई को आलापन बनर्जी की सेवाएं मांगी थीं और राज्य सरकार को प्रदेश के शीर्ष नौकरशाह को तत्काल कार्यमुक्त करने को कहा था।

जिसके बाद ममता बनर्जी ने आलापन को बनाया सीएम का मुख्य सलाहकार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले पर सोमवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और आलापन को सेवानिवृत्त होने की अनुमति देने के बाद उन्हें तीन साल के लिए अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया। बंद्योपाध्याय को तीन दिन में गृह मंत्रालय को लिखित में यह बताने के लिए कहा गया है कि उनके खिलाफ अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई क्यों न की जाये।

नेहा शाह

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