उत्तर प्रदेश आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा जुटी डैमेज कंट्रोल में- नाराज नेताओं की मांगों को पूरा करने के लिए बन रही रणनीति

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उत्तर प्रदेश आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा जुटी डैमेज कंट्रोल में- नाराज नेताओं की मांगों को पूरा करने के लिए बन रही रणनीति
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उत्तर प्रदेश में 2022 तक आगामी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।जिनको लेकर के अभी से राजनीतिक पार्टियों में गतिविधियां तेज हो गई हैं। आपको बता दें कि वर्तमान मे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की योगी आदित्यनाथ की सरकार है, जिनको कार्य करते-करते तकरीबन 52 महीने पूरे हो चुके हैं।

इसीलिए चुनाव को करीब से देख कर भाजपा संगठन और सरकार अब डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। भारतीय जनता पार्टी के निर्देशों के अनुसार अब तमाम पुराने नाराज साथियों को दोबारा अपने साथ जोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने वाली है। इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी अब नाराज नेताओं की बातों को सुन रही है और उनकी मांगों को पूरा करने की रणनीति भी बना रही है।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल के दौरान कई जातियां योगी सरकार से खफा होकर भाजपा से अपना नाता तोड़ चुकी है या तोड़ रही हैं। इस पर संगठन उनसे बात कर रही है। योगी सरकार में ब्राह्मणों की उपेक्षा का आरोप लगाने वालों का मुंह बंद करने की पूरी कोशिश की जा रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी से मिलना, अनूप चंद्र पांडेय को निर्वाचन आयुक्त बनना और दो दिन पहले कांग्रेस से भाजपा आए जितिन प्रसाद को पहले एमएलसी फिर कैबिनेट मंत्री बनाने की तैयारियां की जा रही है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की राजनीति चुनाव के महीनों पहले ही बदलनी शुरू हो गई है। जिसको देखते हुए हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को पार्टी की तरफ से एक बड़ा तोहफा मिल सकता है। गौरतलब है कि जितिन प्रसाद मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान दो बार केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं जो कि राजनीतिक पार्टी का सबसे बड़ा युवा चेहरा है।

उत्तर प्रदेश में जुलाई में विधान परिषद की 6 सीटें खाली हो रही है। जिनके लिए जितिन प्रसाद को यूपी में एक ब्राह्मण का बड़ा चेहरा चुना गया है। इतना ही नहीं उन्हें चुनाव प्रचार में उतारने से पहले बीजेपी उन्हें बड़ा रोल देना चाहती है जिससे ये मैसेज जाए कि पार्टी में उनका कद बड़ा है। यूपी की कुल आबादी का लगभग 12 प्रतिशत ब्राह्मण हैं और कई विधानसभा क्षेत्रों में ब्राह्मणों का वोट शेयर 20 प्रतिशत से अधिक है।


नेहा शाह

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