उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के दर्जनों जनपदों में...


उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के दर्जनों जनपदों में...
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के दर्जनों जनपदों में नदियां उफान पर हैं। बाढ़ की विभीषिका में फंसे लोग जान-माल की गुहार लगा रहे हैं। तटबंध टूट रहे हैं, सड़क-सम्पर्क मार्ग तेज लहरों के बहाव में ध्वस्त हो रहे हैं, हर ओर तबाही है। बीमारियां फैल रही हैं। परंतु भारतीय जनता पार्टी की सरकार को आए दिन अपने विज्ञापन प्रचार उत्सव आयोजन की चिंता लगी है।
इस दौरान अखिलेश यादव ने ट्विटर से ट्वीट करते हुए कहा कि गृह जनपद गोरखपुर के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। छह प्रमुख नदियां यहां उफान पर हैं। यहां भरवलिया-बसावनपुर रिंग बांध टूट गया है। गोरखपुर-वाराणसी, सोनौली, गोरखपुर-लखनऊ जोड़ने वाली सड़कों पर यातायात बाधित है। कई तटबंध टूट फूट गए हैं। आमी नदी का पानी इंडियन आयल कारपोरेशन के बाटलिंग प्लांट में पानी भर जाने से प्लांट बंद हो गया है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कई ऐसे जिले हैं जहां बाढ़ की वजह से लोगों को गांव छोड़कर भागना पड़ रहा है जिसमें प्रमुख रुप से बलरामपुर, महाराजगंज, बाराबंकी, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, गोरखपुर, अयोध्या, रायबरेली, फर्रूखाबाद, कुशीनगर जैसे जिले शामिल है। जहां सैकड़ों गांवों में लोगों के घरों में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है, और धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों हेक्टेयर फसल नदियों के जल प्रवाह में डूब गई है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोग घर की छतों पर या किसी ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं।
प्रदेश की स्थिति को देखते हुए अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की जनता बाढ़ के प्रकोप से त्राहि-त्राहि कर रही है। भाजपा सरकार ने बाढ़ के हालात पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। राहत कार्य अभी तक नहीं चल रहे हैं। बाढ़गस्त इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की सुचारू व्यवस्था नहीं है। यही है भाजपा सरकार की असलियत।
नेहा शाह