कांग्रेस की पुस्तैनी सींट में सेंध लगाने को तैयार भाजपा
गुजरात चुनाव:- गुजरात मे इस साल के अंत मे विधानसभा चुनाव होने को है। अभी तक गुजरात मे केवल दो दलों भाजपा और कांग्रेस की धाक बनी हुई थी। वही इस बार...
गुजरात चुनाव:- गुजरात मे इस साल के अंत मे विधानसभा चुनाव होने को है। अभी तक गुजरात मे केवल दो दलों भाजपा और कांग्रेस की धाक बनी हुई थी। वही इस बार...
गुजरात चुनाव:- गुजरात मे इस साल के अंत मे विधानसभा चुनाव होने को है। अभी तक गुजरात मे केवल दो दलों भाजपा और कांग्रेस की धाक बनी हुई थी। वही इस बार यहां आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम की राजनीति में एंट्री हुई है जो सींधे तौर पर गुजरात के मुख्य दल भाजपा और कांग्रेस के वोट बैंक पर डंका डालने की योजना बना रहे है। लेकिन इन सबके बीच गुजरात मे कुछ विधानसभा सींटें ऐसी है जहां लम्बे समय से भाजपा ओर कांग्रेस का अधिपत्य है ओर यहां की जनता इन दलों पर आंख मूंद कर विश्वास जताती है। ऐसी ही एक सींट है गुजरात के बनासकांठा जिले के वाव विधानसभा सींट। इस सींट पर मतदान किसी विशेष दल के समर्थन में नही है बल्कि यहां का मतदान पार्टी में अपने इंटरेस्ट के आधार पर अपनी विधानसभा के प्रत्याशी को वोट देती है।
साल 2017 में इस सींट पर कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस के उम्दा प्रदर्शन के चलते इस सींट पर कांग्रेस की महिला प्रत्याशी ठाकोर गेनीबेन नाग जी को जीत हासिल हुई। माना जाता है इस सींट का वोटर इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस पर विश्वास करता आया है ओर उसके लिए कांग्रेस सबसे पहले है। लेकिन अगर हम बनासकांठा लोकसभा सींट की बात करे तो यह भाजपा के खेमे में है। वही साल 2022 में भाजपा जाति आधारित समीकरण स्थापित कर इस सींट को अपनी ओर करना चाह रही है।
अगर हम इस सींट के वोटरों को जाति के आधार पर समझे तो इस सींट पर दलित ओर पिछड़ा समाज अधिक रहता है। इस सींट पर कांग्रेस ने काफी समय तक राज किया था। साल 2017 में यह सींट कांग्रेस के खेमे में थी। 2012 और 2007 में इस सींट पर भाजपा को जीत हासिल हुई लेकिन उससे पहले इस सींट पर कांग्रेस का दबदबा था। इस सींट पर करीब 3 लाख 70 हजार मतदान है। इसमे 90 फीसदीं मतदान ग्रामीण इलाके में रहते हैं। यहां पर सबसे ज्यादा मतदान अनुसूचित जाति के है। इसके अलावा यहां पिछड़ा वर्ग का वोट बैंक अधिक है। ठाकोर मतदान इस सींट पर काफी अधिक संख्या में है। राजनीतिक विशेषज्ञयों का कहना है कि भेले इस सींट पर कांग्रेस का दबदबा हो लेकिन अल्पेश ठाकोर के भाजपा में शामिल होने से इस सींट पर कही न कही भाजपा का समर्थन बढ़ रहा है।