अजीत जोगी की पार्टी का कांग्रेस में हो सकता है विलय
रायपुरः छत्तीसगढ़ में सत्ता संभाल रही कांग्रेस में सियासी घमासान चल रहा है। इस घमासान के बीच प्रदेश में एक और नया राजनीतिक मोड़ आता दिख रहा है। सियासी...


रायपुरः छत्तीसगढ़ में सत्ता संभाल रही कांग्रेस में सियासी घमासान चल रहा है। इस घमासान के बीच प्रदेश में एक और नया राजनीतिक मोड़ आता दिख रहा है। सियासी...
- Story Tags
- Ajit Jogi
- Politics
- Congress party
- Congress
रायपुरः छत्तीसगढ़ में सत्ता संभाल रही कांग्रेस में सियासी घमासान चल रहा है। इस घमासान के बीच प्रदेश में एक और नया राजनीतिक मोड़ आता दिख रहा है। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा चल रही है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की 'जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़' पार्टी का कांग्रेस में विलय हो सकता है, हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
अजीत प्रमोद कुमार जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री थे। लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद में उन्होंने अपनी अलग पार्टी 'जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़' बनाई थी। साल 2000 में जब मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई तो अजीत जोगी ने राज्य के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। वह राज्य के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री थे।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अजीत जोगी के निधन के बाद से ही उनकी पार्टी 'जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़' में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी में टूट पड़ने की आशंका बनी हुई हैं। पार्टी के चार में से दो विधायक प्रमोद शर्मा और देवव्रत सिंह कांग्रेस के साथ खड़े हो चुके हैं। हालांकि दलबदल कानून की वजह से उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है। वहीं पार्टी के अन्य कई नेता भी वापस कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, ऐसे में दिवगंत अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर सकती है।
कांग्रेस को जोगी परिवार के पार्टी में वापसी से एक बड़ी ताकत हासिल हो सकती है। अब तक दोनों दलों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रही है, लेकिन इतना तय है कि प्रदेश के सियासी हालातों में दोनों दल एक दूसरे के लिए जरूरी हो सकते हैं।