भवानीपुर बायपोल लाइव:ममता या प्रियंका कौन मारेगा बाजी

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भवानीपुर बायपोल लाइव:ममता या प्रियंका कौन मारेगा बाजी

पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है। यह उपचुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्युकी यहाँ से ही तय होगा ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी रहेंगी या इस्तीफा देंगी. मामाके सामने बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल कड़ी चुनौती पेश कर रही है।

यह उपचुनाव न केवल पश्चिम बंगाल की राजनीति तय करेगा बल्कि 2024 में होने वाले आम चुनाव में भी इसकी अहम भूमिका हो सकती है। दरअसल प. बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी ने तो बड़ी जीत हासिल की थी लेकिन वह खुद नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ हार गई थीं। इसके बावजूद उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। अब मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनका चुनकर विधानसभा पहुंचना जरूरी है।

बता दें कि भवानीपुर समेत पश्चिम बंगाल की तीन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। मुर्शिदाबाद जिले की समसेरगंज और जंगीपुर सीट पर भी वोट डाले जा रहा हैं। भवानीपुर सीट पर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। यहां 97 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं और केंद्रीय बलों की 15 कंपनयों को तैनात किया गया है। साथ ही बूथ के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा भवानीपुर सीट पर पूरा दम लगा चुकी है। चुनाव प्रचार के आखिरी में इस सीट पर 80 नेताओँ को उतार दिया गया। दरअसल भाजपा संदेश देना चाहती है कि पश्चिम बंगाल में उसकी हार का मतलब नहीं है कि ममता बनर्जी को मोदी के विकल्प के तौर पर देखा जाए।

भवानीपुर सीट से पहले भी लड़ चुकी है ममता बनर्जी

भवानीपुर सीट पर टीएमसी के सोवन चटर्जी की जीत हुई थी। हालांकि बात में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ममता बनर्जी ने उपचुनाव में यहां से पर्चा दाखिल किया। ममता बनर्जी इससे पहले भवानीपुर सीट से ही निर्वाचित होती रही हैं। इस बार उन्होंने नंदीग्राम सीट से किस्मत आजमायी थी लेकिन कामयाबी उन्हें नहीं मिल पाई।

भाजपा प्रत्याशी ने लगाया बूथ कैप्चरिंग का आरोप

भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल ने टीएमसी विधायक मदन मित्रा पर बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष मतदान होने बहुत जरूरी हैं। राज्य सरकार इस समय डरी हुई है इसलिए वह उपचुनाव जीतने के लिए कोई भी हथकंडा इस्तेमाल कर सकती है। बंगाल ने हुए आम चुनाव के बाद भी हिंसा के आरोप लग चुके है। राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने भी हिंसाग्रस्त इलाको का दौरा किया था।

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