एनडीए गठबंधन के सर्वमान्य नेता के रूप में नीतीश कुमार ने सातवीं बार बिहार में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है
बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में तेजस्वी यादव की पार्टी रही पर 125 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ ही आज एनडीए गठबंधन के सर्वमान्य...
बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में तेजस्वी यादव की पार्टी रही पर 125 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ ही आज एनडीए गठबंधन के सर्वमान्य...
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बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में तेजस्वी यादव की पार्टी रही पर 125 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ ही आज एनडीए गठबंधन के सर्वमान्य नेता के रूप में नीतीश कुमार ने सातवीं बार बिहार में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है।
हर अटकलों को दरकिनार करते हुए उन्होंने 14 और विधायकों और एमएलसी के साथ शपथ ली है।
इस बार मंत्रिमंडल कुछ बदला –बदला सा लग रहा है पिछली बार के साथी सुशील मोदी तो नहीं है पर तारकिशोर प्रसाद सिंह और रेणु देवी को बीजेपी ने उपमुख्यमंत्री बनाया है।
इस बार बीजेपी कोटे से मंत्री बनने वाले लोगो में मंगल पांडेय को छोड़कर सभी पहली बार बिहार कैबिनेट में शामिल हुए हैं।
आज के शपथग्रहण समारोह में बीजेपी के जिन बड़े नेताओं को जगह नहीं मिली है, उनमें सुशील मोदी, प्रेम कुमार, नंद किशोर यादव, विजय सिन्हा और विनोद नारायण झा का नाम शामिल है।
जेडीयू ने अपनी पार्टी के पुराने सिपहसलारों पर भरोसा जताया है। अशोक चौधरी, बिजेंद्र यादव, अशोक चौधरी को फिर से अपनी कैबिनेट में जगह दी है।
शीला मंडल को पहली बार मंत्री बनाया है। हालांकि आज के शपथग्रहण समारोह संजय झा, पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी और श्रवण कुमार जैसे लोग नदारद रहे -
2020 विधानसभा की जीत के बाद नीतीश कुमार ने सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
उनके बाद बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी ने शपथ ली।
कुल 14 मंत्रियों ने शपथ ली है। 5 मंत्री जेडीयू कोटे से बने हैं तो सात मंत्री बीजेपी के हैं। 1-1 पद हम और वीआईपी को मिला है।