आर पी एन सिंह: एक व्यथा कथा

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आर पी एन सिंह: एक व्यथा कथा

आज आर पी एन सिंह ने घोषणा की कि वो कांग्रेस छोड़ के भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं। आर पी एन सिंह पडरौना के राजा परिवार से हैं। कांग्रेस सरकार में मलाई खाई और फिर झारखंड में मलाई खाई।

उनकी आदत थी कि अपने यहां काम करने वाले नौकरों को पदाधिकारी बनवाने की और पार्टी को बेड़ियों में बांध के रखने की।

प्रियंका गांधी जब यूपी की प्रभारी बनीं तो उन्होंने अजय लल्लू को अध्यक्ष बनाया। अजय लल्लू को आर पी एन सिंह नौकर की तरह ट्रीट करते थे। हमेशा ललुआ और गाली से ही उनको बुलाया।

अब लल्लू यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। आर पी एन सिंह जैसे तमाम लोगों को यह नई राजनीति रास नहीं आई। एक भूंजा बनाने वाले का बेटा यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष है, जबकि तमाम राजा महाराजा की सेटिंग काम नहीं आ रही है।

आर पी एन सिंह की यू एस पी क्या थी। मीडिया का कनेक्शन। दिल्ली के कुछ पत्रकारों के लिए उनका सोफा न्यूज का सोर्स था।

ये दिल्ली के पत्रकार आपको नहीं बताएंगे कि ये राजा लोगों का विद्रोह है क्योंकि कांग्रेस का चरित्र बदल रहा है। दरबारी नहीं, मेहनतकश को जगह मिल रही है। इसलिए दरबारियों का सिंहासन डोल रहा है।

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