दिग्गजों में मचा बवाल राज्यसभा से प्रभात झा, सत्यनारायण व दिग्विजय हुए रिटायर्ड

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दिग्गजों में मचा बवाल राज्यसभा से प्रभात झा, सत्यनारायण व दिग्विजय हुए रिटायर्ड

भोपाल। कोरोना ने राज्य के सियासी हालात भी बदल दिए हैं। प्रदेश में ये पहला मौका है जब राज्यसभा की तीन सीटें रिक्त होने के बाद भी खाली ही रहेंगी। इससे पहले प्रदेश में कभी राज्यसभा की सीटें कभी खाली नहीं रहीं। 9 अप्रैल को इनका कार्यकाल खत्म हो गया है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा, पूर्व मंत्री सत्यानारायण जटिया के राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने के कारण ये तीन सीटें खाली हुई हैं। इन सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना था लेकिन कोरोना संक्रमण के हालातों के चलते ये चुनाव टाल दिया गया है। चुनाव की अगली तारीख अभी घोषित नहीं हुई है इसलिए राज्यसभा के आगामी चुनाव तक इन सीओं को खाली ही रहना पड़ेगा।

17 राज्यों की 55 राज्यसभा सीटें खाली

देश में राज्यसभा की 55 सीटें इस महीने खाली हो रही हैं। इनमें से 37 सीटों पर तो निर्विरोध चुना जाना तय है बाकी 18 सीटों पर चुनाव के हालात बने हैं। मध्य प्रदेश के साथ ही कुल 12 राज्य ऐसे हैं जहां पर राज्यसभा सीटें रिक्त होने के साथ ही खाली रह जाएंगी। यानी इन राज्यों की राज्यसभा सीटों का कार्यकाल भी प्रदेश की सीटों के साथ 09 अप्रैल को खाली हो रहा है। इन राज्यों में गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, बिहार, हिमांचल प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और मणिपुर की 32 सीटें शामिल हैं। इनके अलावा 2 अप्रैल को जिन राज्यों की सीटों का कार्यकाल खत्म हुआ है उनमें महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की 22 सीटें शामिल हैं। मेघालय की 1 सीट का कार्यकाल 12 अप्रैल को खत्म होगा।

दिग्विजय, सिंधिया, बरैया, सोलंकी को करना होगा इंतजार

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को सांसद बनने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह और फूलसिंह बरैया उम्मीदवार हैं जबकि भाजपा की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया गया है। इन तीन सीटों में समीकरण के हिसाब से दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया का निर्वाचन तय है जबकि तीसरी सीट के लिए कांग्रेस के बरैया और भाजपा के सोलंकी में मुकाबला है। वर्तमान हालातों में सोलंकी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।

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