कैब के विरोध में अभी भी कई राज्यों में धरना प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सख्त रूप से कैब के विरोधियों को कानून पालन के लिए बाध्य किया जा रहा है।किसी भी राज्य सरकार को इन लोगों को कानून...


उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सख्त रूप से कैब के विरोधियों को कानून पालन के लिए बाध्य किया जा रहा है।किसी भी राज्य सरकार को इन लोगों को कानून...
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के सख्त रूप से कैब के विरोधियों को कानून पालन के लिए बाध्य किया जा रहा है।किसी भी राज्य सरकार को इन लोगों को कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने नहीं देना चाहिए और अगर सीखना है तो योगी सरकार से सीखे कि किस तरह से योगी सरकार ने सख्ती के साथ इन लोगों पर कार्रवाई कर इनके धरना प्रदर्शन पर रोक लगाई है।
लोकतंत्र में विरोध के स्वर उचित है और होना भी चाहिए अगर विरोध नहीं होगा तो लोकतंत्र जीवित नहीं रहेगा पर लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन में हिंसा कहीं से भी जायज नहीं है और आम लोगों का जीवन कष्ट में डालने का काम अगर कोई धरना प्रदर्शन कर रहा है तो इसे धरना प्रदर्शन की जरूरत किसी भी लोकतंत्र में नहीं होती।
कुछ राजनीतिक पार्टियां केम को लेकर अपनी राजनीतिक रोटी सेक रही हैं और नरेंद्र मोदी देश के गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है पर उनकी मंशा सत्ता में वापसी है जो वह जनता के माध्यम से पूरा करना चाहते हैं।
राजनीतिक पार्टियों को धरना प्रदर्शन में सहायता करने और उसमें शामिल होने का पूरा हक है पर अगर आग लगाई जाती है बसों को फूंक दिया जाता है और आने जाने वाले लोगों की गाड़ियों को नष्ट किया जा रहा है यह राजनीतिक पार्टियां भी उतनी ही दोषी हैं जितनी कि वह लोग जो इस तरह की घटना क्रम में लिप्त हैं सरकार को इन लोगों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए।