ज्योतिष में निहित है ब्रह्माण्ड का ज्ञान प्रधान निरीक्षक, ऋतु परिवर्तन से मानव जीवन पर होने वाले प्रभाव का हुआ अध्ययन

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कोरोना के प्रभाव पर बटुकों ने किया प्रश्न

ज्योतिष ज्ञान शिविर का भव्य शुभारम्भ हुआ

वर्तमान समय में ऋतु परिवर्तन से मानव जीवन पर होने वाले दीर्घ प्रभाव तथा ग्रह-नक्षत्रों की चाल क्या है और भविष्य में क्या रहेगा इसका अध्ययन आवश्यक है।इन सभी का ज्ञान ज्योतिष शास्त्र को पढने से ही पता चल सकेगा।कुछ इन्हीं गूढ़ विषयों के सरल अध्ययन हेतु दशाश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ महाविद्यालय में गुरुवार को पंद्रह दिवसीय ज्योतिष ज्ञान शिविर का शुभारम्भ हुआ।उक्त बातें मुख्य अतिथि के रूप में निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं,प्रयागराज मंडल श्री रणवीर सिंह ने शिविर शुभारम्भ के दौरान इन्होने कहा कि वर्तमान समय में ज्योतिष के अध्ययन का अत्यधिक महत्व है । भारत देश के अलावा विदेशों में भी भविष्य को जानने के लिए इसकी मांग बढ़ गयी है।यह हमारे ऋषि मुनियों के शोध से भी ज्ञात हुआ कि किसी व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में स्थित ग्रहों को एक रेखाचित्र (जन्मकुण्डली) में दर्शाकर उस व्यक्ति (जातक) के भविष्य की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है अत: सामान्य जीवन में ज्योतिष का प्रभाव काफी मायने रखता है अत: इस प्रकार के बौद्धिक व ज्ञानवर्धक शिविर की आवश्यकता है हम शास्त्रार्थ महाविद्यालय परिवार को साधुवाद देते हैं कि छात्रों के बहुमुखी प्रतिभा के संवर्धन हेतु यह संस्कृत महाविद्यालय सदैव प्रयासरत रहता है प्रारम्भ में शिविर का शुभारम्भ संस्था के प्राचार्य डा.गणेश दत्त शास्त्री,प्रधान निरीक्षक (संस्कृत पाठशालाएं,उत्तर प्रदेश,प्रयागराज) रणवीर सिंह,ज्योतिषाचार्य डा.उमाशंकर त्रिपाठी एवं डा. सुरेन्द्र मिश्र ने वाग्देवी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके किया । इसके पश्चात् पंडित विकास दीक्षित के आचार्यत्व में वैदिक बटुकों ने मंगालाचरण का पाठ किया । स्वागत भाषण करते हुए शिविर संयोजक आचार्य पवन शुक्ला ने बताया कि प्रतिदिन दोपहर 01 बजे से शिविर का संचालन होगा जिसमें पंचांग विधि,विवाह पद्धिति,कुंडली निर्माण,रत्न अध्ययन,वास्तु आदि पर भी विचार किया जाएगा उदघाटन सत्र में कई विद्वान् भी उपस्थित थे जिन्होंनें अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए उपस्थित अन्य प्रमुख लोगों में डा.विनोद राव पाठक, आचार्य चूडामणि शास्त्री, डा.रामकोमल मिश्र,डा.अशोक पाण्डेय,अनुराग खरे,बृजेश शुक्ला आदि शामिल थे । संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन शिविर संयोजक आचार्य पवन शुक्ला ने दिया ।

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