महाबली भीम से जुड़ी है लोधेश्वर धाम में स्थापित द्वापर युगीय शिवलिंग पर कांवर चढ़ाने की परंपरा
महाबली भीम से जुड़ी है द्वापर युगीय शिवलिंग पर कांवर चढ़ाने की परंपरारामनगर बाराबंकी। (ललित कुमार पांडेय) लोधेश्वर महादेवा में स्थापित द्वापर युगीय...
महाबली भीम से जुड़ी है द्वापर युगीय शिवलिंग पर कांवर चढ़ाने की परंपरारामनगर बाराबंकी। (ललित कुमार पांडेय) लोधेश्वर महादेवा में स्थापित द्वापर युगीय...
महाबली भीम से जुड़ी है द्वापर युगीय शिवलिंग पर कांवर चढ़ाने की परंपरा
रामनगर बाराबंकी। (ललित कुमार पांडेय) लोधेश्वर महादेवा में स्थापित द्वापर युगीय शिवलिंग पर कांवर चढ़ाने की परंपरा महा बली भीम से जुड़ी हुई है।
महाभारत काल से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन करते हुए आज भी यहां लाखों की संख्या में शिव भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर कावड़ चढ़ाने आते हैं कांवर लेकर आने के ही कारण इन्हें कांवरिया कहा जाता है। उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध स्थल लोधेश्वर महादेवा में यूं तो वर्ष में कई मेले लगते हैं लेकिन प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर लगने वाला कांवरिया मेला पूरे देश में प्रसिद्ध है महाशिवरात्रि पर्व से 10 दिन पूर्व से ही यहां पूरे उत्तर भारत के कोने कोने से हिंदू धर्म के मानने वाले लाखों-करोड़ों की संख्या में शिव भक्त कावड़ चढ़ाने एवं जलाभिषेक कर शिव अर्चन करने आते हैं जनश्रुति के मुताबिक कौरवों द्वारा बनवाए गए लाक्षागृह से बच निकलने के बाद अपने अज्ञातवास के समय पांडवो जब इस क्षेत्र में थे तो उनके गुरु ऋषि याज्ञवल्क्य संकट से मुक्ति पाने के लिए रूद्र महायज्ञ कराने की प्रेरणा दी महा यज्ञ अनुष्ठान की सफलता के लिए उन्होंने भगवान की शिव स्थापना का प्रस्ताव रखा। जिसे स्वीकार करते हुए पांडवों की ओर से शिवलिंग लाने की जिम्मेदारी महाबली भीम को सौंपी गई। बताते हैं कि महाबली भीम पर्वतीय अंचलों से जब शिवलिंग लेकर वापस आ रहे थे तो उन्हें रास्ते में व्यवधान उत्पन्न हुआ जिस पर उन्होंने उसी प्रस्तर भार का दूसरा शिवलिंग खोज कर बहंगी,( कांवर) बनाकर उन्हें यज्ञ स्थल तक लाए थे। यज्ञ में मौजूद ऋषियो ने जब एक ही समान दो शिवलिंगों को देखा तो एक को यज्ञ स्थल पर ही ( कुलाछत्र नामक स्थान पर)धर्मराज युधिष्ठिर के हाथों तथा दूसरा यहां से कुछ दूरी पर स्थित किंतूर नामक गांव में माता कुंती के द्वारा स्थापित करवा दिया। बताते हैं कि कुछ समय बाद घाघरा में भयंकर बाढ़ आई और महादेवा के इस क्षेत्र में बालू और मिट्टी के ढेर लग गए। इसके बाद घाघरा नदी ( अब सरयू नदी) धीरे-धीरे उत्तर की ओर चली गई तो लोगों ने इस क्षेत्र में रहना और खेती करना आरंभ कर दिया। कहा जाता है कि लोथे राम अवस्थी नामक एक कृषक जो तहसील रामसनेहीघाट के ग्राम खजुरिया के रहने वाले थे अपने खेत को सीखने के लिए गड्ढा खोद रहे थे अचानक उनका फावड़ा पत्थर से टकराया और फावड़े में खून लग गया। खून लगा देख वह घबरा गया, आसपास की मिट्टी हटाई तो शिवलिंग के दर्शन हुए उन्होंने उसका स्थान परिवर्तित करने का काफी प्रयास किया लेकिन जब वह उसे हिला तक ना सके। तो उन्होंने घास फूस की कुटिया बनाकर रहना और पूजन अर्चन करना प्रारंभ कर दिया। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर एक दिन भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दे आशीर्वाद दिया कि आज से उनका नाम उनसे पहले (भगवान शंकर)से पहले लिया जाएगा तभी से यह शिवलिंग लोधेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध हो गया।बाद में बाबा बेनी सागर जी महाराज जो सिलौटा के रहने वाले थे उनके द्वारा यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। इसी मंदिर पर वर्ष में कई मेले लगते हैं लेकिन प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर सबसे विशाल मेला लगता है यहां पर उत्तर भारत के कोने कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मनोकामनाएं पूर्ण होने पर सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा तय कर कांवर लेकर चढ़ाने आते हैं।
महाशिवरात्रि पर्व आज, महादेवा मेले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध
रामनगर बाराबंकी। महाशिवरात्रि पर्व के चलते लोधेश्वर महादेवा में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए पूरे मेला क्षेत्र को जोन और सेक्टरों में विभाजित कर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। जोन की जिम्मेदारी डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी को तथा सेक्टरो में सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रभारी निरीक्षक / थाना अध्यक्षों को सौंपी गई है। इसके अलावा मेला परिसर में नौ अस्थाई पुलिस चौकियां बनाई गई है भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दस बैरियर बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं को कतार बद्द तरीके से दर्शन कराने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई है। पुलिस क्षेत्राधिकारी रामनगर दिनेश कुमार दुबे ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिलाधिकारी एवं पुलिस कप्तान के निर्देशन में पूरे मेला क्षेत्र को जोन और सेक्टरों में बांटा गया है सभी जोन और सेक्टरों में पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 10 बैरियर लगाए गए, 9 अस्थाई पुलिस चौकियां बनाई गई है महादेवा मेले में दस थानाध्यक्ष, पांच इंस्पेक्टर, 45 सब इंस्पेक्टर चार सौ सिपाही ,सौ महिला कांस्टेबिल, इसके अलावा तीन कंपनी पीएसी तैनात की गई है। इसी के साथ भारी संख्या में होमगार्ड जवानों और चौकीदारों को भी तैनात किया गया है। भीड़ पर नजर रखने के लिए वॉच टावर बनाए गए हैं संदिग्ध वस्तुओं एवं स्थानों की चेकिंग के बम डिस्पोजल दस्ता भी बुलाया गया है। पूरे मेला क्षेत्र में जगह-जगह खुफिया तंत्र के जवानों और सादी वर्दी में तेज तर्रार पुलिस कर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई है। मंदिर परिसर सहित अधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है । मेला ड्यूटी में आने वाली पुलिस फोर्स को महादेवा पुलिस चौकी पर आमद कराने के निर्देश दिए गए हैं चौकी इंचार्ज अनिल कुमार पांडेय इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई।
शिव के जयकारों से गूंज रहा लोधेश्वर महादेवा
ब्लाक प्रमुख संजय तिवारी ने भण्डारे में पहुंचकर वितरित किया प्रसाद
रामनगर बाराबंकी। लोधेश्वर धाम में जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करने वाले शिव भक्तों का तांता लगा हुआ। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन जारी है। जगह-जगह लोगों के द्वारा शिव भक्तों के लिए भंडारे चलाये जा रहे हैं। ब्लॉक परिसर में खण्ड विकास अधिकारी अमित त्रिपाठी प्रधान सहायक विनोद कुमार मिश्रा एडीओ पंचायत राम आसरे के द्वारा कांवरियों के लिए विशाल भंडारा शुरू किया गया जिसका शुभारंभ ब्लॉक प्रमुख संजय तिवारी ने प्रसाद वितरण करके किया इस भंडारे में हजारों की संख्या में प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। रामनगर चौराहे पर समाजसेवी बुढ़वल निवासी निरंकार सिंह बुढ़वल चीनी मिल के पास समाजसेवी मनोज मिश्रा के द्वारा भंडारा चलाया गया जिसमें सचिन मिश्रा अनुराग मिश्रा गोविंद लोधी रामशंकर सुधीर भोला आदि का विशेष सहयोग रहा। रामनगर बस अड्डे पर संदीप सिंह की स्मृति में विशाल भंडारे का आयोजन कर सब्जी थोड़ी चाय पूड़ी चाय बिस्कुट आदि वितरित किया गया। लोधेश्वर महादेव में जुटे श्रद्धालुओं की भारी क्षेत्र ही शिवमय हो गया है शिव के जयकारों और बम भोले के उद्घोषो से पूरा क्षेत्र गुंजायमान है।
कांवरियों व पुलिस के बीच झड़प
रामनगर बाराबंकीA लोधेश्वर महादेवा के प्रशिद्व शिवमंदिर मे जल चढ़ाने को लेकर हुई धक्का-मुक्की से नाराज काँवड़ियो की पुलिसकर्मियों से झडप हो गयी।पुलिसकर्मियों ने नाराज कावरिये को बाहर कर दिया।पुलिस की प्रतिक्रिया से नाराज काँवड़िया मेले में घूम रहे साथियों से मिलकर दोबारा मंदिर आ गये पुलिसकर्मियों से बात विवाद करने लगे।जिसके बाद पुलिस कर्मियों व कावरियो की आपस में मारपीट की भी जानकारी मिल रही थी।जिसमे कुछ लोगो के चोटिल होने की चर्चा थी। यद्यपि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।