इस बार 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रान्ति
जौनुपर(आरएनएस)। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात्रि 2.42 बजे हो रहा है। उदया काल को महत्व दिए जाने से 15 जनवरी को सूर्य के उदय होने पर मकर...
जौनुपर(आरएनएस)। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात्रि 2.42 बजे हो रहा है। उदया काल को महत्व दिए जाने से 15 जनवरी को सूर्य के उदय होने पर मकर...
जौनुपर(आरएनएस)। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात्रि 2.42 बजे हो रहा है। उदया काल को महत्व दिए जाने से 15 जनवरी को सूर्य के उदय होने पर मकर संक्रांति मनाना शुभ होगा। पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, शतभिषा नक्षत्र होने से सुबह से ही पुण्यकाल प्रारंभ हो जाएगा। इस साल मकर संक्रांति पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 15 जनवरी को रवि योग, शतभिषा नक्षत्र में मनाई जाएगी. इस दिन वारियांन योग पूरे दिन रहेगा. रवि योग सुबह 7ः15 से 8ः07 बजे तक रहेगा। मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 07ः15 मिनट से सुबह 09रू00 बजे तक है. इस समय में आपको मकर संक्रांति का स्नान और दान करना चाहिए. उस दिन महा पुण्य काल 1 घंटा 45 मिनट तक है. हालांकि पुण्य काल में भी मकर संक्रांति का स्नान दान होगा। मकर संक्रांति का वाहन इस बार अश्व है और उपवाहन शेर है. दोनों ही तेज दौड़ते हैं और गति के प्रतीक हैं. संक्रांति के प्रभाव से गेहूं, अनाज दूध और दूध से निर्मित पदार्थों के उत्पादन में वृद्धि होगी. वहीं, भारत देश का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पराक्रम बढ़ेगा. अन्य देशों से संबंध मजबूत होंगे। मकर संक्रांति पर सूर्य की पूजा, नदियों में स्नान, देव दर्शन और दान से विशेष पुण्य फल मिलेगा. इस संक्रांति का वाहन अश्व और उपवाहन सिंह होने से . विद्वान और शिक्षित लोगों के लिए ये संक्रांति शुभ रहेगी. लेकिन अन्य कुछ लोगों में डर बढ़ सकता है. अनाज बढ़ेगा और महंगाई पर नियंत्रण भी रहेगा. चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी। मकर संक्रांति पर सूर्य, धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना शुभ माना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके तिल, गुड़, वस्त्र का दान करने से पुण्य में वृद्धि होती है। मान्यता है कि संक्रांति के दिन सूर्य, उत्तरायण में प्रवेश करता है. भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्यागने के लिए इस दिन का चयन किया था। मकर संक्रांति का पर्व करीब आता जा रहा है, वैसे-वैसे फिजां में भक्काटा की आवाज भी गूंजने लगी है। आसमान में छोटा भीम और स्पाइडर मैन के चित्रों वाली पतंगे पेंच लड़ा रही हैं। इनमें से किसी एक के कट कर लहराने के बाद इनमे पीछे दीवाने बच्चों की भीड़ दौड़ पड़ रही है। शहर के विभिन्न मुहल्लों में लगे पतंग की दुकानों पर बच्चों की कौन कहे, बड़े भी खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। इस दौरान उनकी ओर से पतंग और मंझे की खरीददारी की जा रही है। पीएम मोदी और सीएम योगी की तस्वीर छपी पतंग की मांग अधिक है।
सूर्य उदय होने से सूर्य ढलने तक बच्चे सहित बड़े पतंगों की पेंच लड़ा रहे हैं। वैसे तो पतंगबाजी के शौकीन 12 माह इसका आनंद लेते हैं, लेकिन मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का विशेष महत्व है।