सैंतीसवाँ नवदुर्गा पूजा महोत्सव मना रहा है बाजार शुकुल
नवदुर्गा पूजा महोत्सव मनाने की परम्परा में बाजार शुकुल अपने सैंतीस वर्ष पूर्ण कर रहा है नवदुर्गा पूजा परम्परा को बढता और फलीभूत होते देख आज डा0किशोर...
नवदुर्गा पूजा महोत्सव मनाने की परम्परा में बाजार शुकुल अपने सैंतीस वर्ष पूर्ण कर रहा है नवदुर्गा पूजा परम्परा को बढता और फलीभूत होते देख आज डा0किशोर...
नवदुर्गा पूजा महोत्सव मनाने की परम्परा में बाजार शुकुल अपने सैंतीस वर्ष पूर्ण कर रहा है नवदुर्गा पूजा परम्परा को बढता और फलीभूत होते देख आज डा0किशोर कुमार विश्वास खासा प्रफुल्लित दिखाई दे रहे हैं। बताते चलें कि बाजार शुकुल में नवदुर्गा पूजा महोत्सव सभी पर्वों में अपना सर्वोच्च स्थान रखता है इसकी शुरुआत डा0किशोर कुमार विश्वास ने पहली मूर्ति अपने हाथ से बना कर की थी डा0विश्वास कलकत्ता से बाजार शुकुल एक डाक्टरी पेशा के जरिये लगभग 1974में आये थे कलकत्ता निवासी होने के नाते आदि शक्ति माँ दुर्गा के प्रति लगाव स्वाभाविक ही है जिसके चलते 1984 में कस्बे के मध्य में नवदुर्गा पूजा समिति के नाम अपने हाथ से मूर्ति बनाकर नवदुर्गापूजा महोत्सव प्रारम्भ किया था धीरे धीरे लोगों के मन में बात बैठने लगी और कस्बे में ही चार पूजा पान्डाल सजने लगे फिर यह महोत्सव मनाने का क्रम इतना परवान चढा कि बाजार शुकुल विकास खण्ड में 70 स्थानों पर दुर्गा पूजा महोत्सव आयोजित किया जाने लगा है।
कस्बे में कटरा चौराहा से लेकर अम्बेडकर चौराहा तक डेकोरेशन लाइटों की सुन्दरता कौन ऐसा है कि जिसका मन देख आकर्षित रहे विना शेष रहेगा यही कारण है कि क्षेत्र में जगह जगह महोत्सव होने के बाद भी बाजार शुकुल में लोगों की भारी भीड रहती है पूर्णमासी तक महान उत्साह झलकता देखा जाता है। महोत्सव को देख डा0किशोर कुमार विश्वास खासा गदगद होते हुए कहते हैं कि विश्व में भारत का प्रथम स्थान तथा उत्तर प्रदेश में सुल्तानपुर का प्रथम स्थान है तो बाजार शुकुल का द्वितीय स्थान है बताया कि जगदीशपुर कुछ आगे ऱहा करता था किन्तु बाजार शुकुल सतत पूजा महोत्सव में अपनी प्रगति करता नजर आ रहा है जिस पर डा0 विश्वास गर्व का अनुभव कर रहें हैं और दिनोदिन बढते रहने की आशा करते हैं।