सड़क पर मारे -मारे घूमते मजदूरों के लिए बने हेल्पलाइन
इक्कीस दिन के लॉक डाउन में माध्यम वर्ग को तो घरो में रहना है और राशन की चिंता है पर भारत का मजदूर वर्ग जो काफी बड़ा है उसे इस लॉक डाउन की मुश्किल से...
इक्कीस दिन के लॉक डाउन में माध्यम वर्ग को तो घरो में रहना है और राशन की चिंता है पर भारत का मजदूर वर्ग जो काफी बड़ा है उसे इस लॉक डाउन की मुश्किल से...
इक्कीस दिन के लॉक डाउन में माध्यम वर्ग को तो घरो में रहना है और राशन की चिंता है पर भारत का मजदूर वर्ग जो काफी बड़ा है उसे इस लॉक डाउन की मुश्किल से निकलना होगा नहीं तो लॉक डाउन के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाएगी |
भारत सरकार एक हेल्पलाइन बनाकर सडको पर ट्रक को चलने दे इससे दो फायदे होंगे | एक तो मजदूरों को ट्रक से आने जाने में आसानी हो जायेगी और वो अपने -अपने घरो तक पहुच जायेंगे और माध्यम वर्ग का राशन भी लगातार उन तक पहुचता रहेगा |
इसमें सरकार को कुछ नहीं करना सिर्फ थोडा सा सामंजस्य बैठना है और बाकि के काम ये लोग खुद कर लेंगे | राशन की लगातार आमद बनाये रखने के लिए इन ट्रक का चलना जरुरी है और सरकार इनको मास्क और सेनिताइज करने के लिए सामान दे दे |
अगर सरकार थोडा प्रो एक्टिव हो कर इस समस्या का समाधान कर लेगी तो इन मजदूरों को तो राहत मिलेगी अगला इक्कीस दिन भी ठीक ठाक गुजर जाएगा |